उत्तर प्रदेश

पहली फरवरी को अयोध्या में होगी पूरी योगी कैबिनेट, करेंगे रामलला का दर्शन-पूजन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बोला कि श्रीरामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम के बाद आनें वाले एक फरवरी को प्रदेश गवर्नमेंट के सभी मंत्री एक साथ श्रीरामलला का दर्शन-पूजन करने का पुण्य फायदा प्राप्त करेंगे. वह शुक्रवार को यहां अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने बोला कि इस कार्यक्रम में अयोध्या सेवा, सुरक्षा, स्वच्छता और सेवाभाव की मिसाल बनेगी. कार्यक्रम में मंदिर पर पुष्पवर्षा भी होगी.

इससे पहले सीएम ने हनुमानगढ़ी और राम मंदिर में दर्शन-पूजन किया. साथ ही उन्होंने टेंट सिटी का निरीक्षण करते हुए अयोध्या में रामकथा कह रहे तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से शिष्टाचार भेंट की. समीक्षा बैठक में सीएम ने बोला कि प्राण-प्रतिष्ठा के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में देश-विदेश से मेहमानों का आगमन हो रहा है. कार्यक्रम में हिंदुस्तान के सभी प्रांतों से संत, धर्माचार्य और अन्य गणमान्य जनों की भी उपस्थिति होगी. इन अति विशिष्ट जनों की सुरक्षा और सम्मान के लिए पुख्ता व्यवस्था कर लिए जाएं.

उन्होंने बोला कि हर वीवीआईपी के साथ एक लाइजन अधिकारी की तैनाती की जाए. इस कार्य में ऐसे लोगों की तैनाती की जाए जो श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ, अयोध्या के पौराणिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व से सुपरिचित हों. सात ही इनकी काउंसिलिंग भी कराई जाए. आमंत्रित जनों के सुविधाजनक आवागमन के लिए उनसे सतत संवाद भी बनाएं. इसके लिए एक्टिव कॉल सेंटर को 24 घंटे चालू रखा जाए. कॉल सेंटर में तैनात कार्मिकों का व्यवहार मधुर हो और आसान होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने बोला कि अयोध्या की सुरक्षा के लिए प्रदेश गवर्नमेंट की सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी मौजूद हैं. ऐसे में अस्थाई पुलिस लाइन बनाया जाए जहां इनके रहने और खाने के स्तरीय व्यवस्था हों. केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाएं. हर प्रकार के बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आशंकाओं के दृष्टिगत कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं. चिह्नित रेड जोन और यलो जोन में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए.

उन्होंने बोला कि 23 जनवरी के बाद प्रत्येक दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का अयोध्या आगमन होगा. हर कोई रामलला का दर्शन करने को उत्सुक है. हिंदुस्तान के सभी राज्यों से लोग आएंगे. ऐसे में आनें वाले छह माह की स्थिति का आंकलन करते हुए कार्ययोजना तैयार कर लें. अंतर्जनपदीय तथा अंतरराज्यीय पुलिस कोऑर्डिनेशन भी होना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार परेशानी न हो. कार्यक्रम के दिन मंदिर पर होगी पुष्पवर्षा, इसके लिए तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों और एयरफोर्स के साथ समन्वय बना लिया जाए.

मुख्यमंत्री ने बोला कि धर्म पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ की थीम आधारित सजावट कराएं. यह उत्सव और आनंद का ऐतिहासिक अवसर है. ऐसे कोशिश करें कि हर श्रद्धालु और पर्यटक यहां से सुखद अनुभव लेकर जाए. इन मार्गों के शेष कार्यों को तुरन्त पूरा कराएं. स्ट्रीट लाइट आदि की जांच-परख कर ली जाए. उन्होंने बोला कि टेंट सिटी में अच्छी प्रबंध है, लेकिन वहां साफ सफाई का ध्यान रखें. यहां ठहरने वालों को गर्म पानी मिले. टेंट सिटी में खाद्यान्न की उपलब्धता बनी रहे.

रैन बसेरों को और व्यवस्थित किया जाए. कई स्थानों पर इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है. धर्मनगरी में रात्रि आराम करने वाला एक भी आदमी ठंड से ठिठुरता न मिले. उन्होंने 22 जनवरी के कार्यक्रम और उसके बाद के लिए पार्किंग और यातायात प्रबंधन की बेहतर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया.

इसके साथ ही रुट डायवर्जन के बारे में  प्रचार प्रसार करने को कहा. विभिन्न जिलों से अयोध्या को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर पर्याप्त पार्किंग की प्रबंध हो. आगंतुकों के आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त उपलब्धता हो और इनकी पार्किंग के लिए भी व्यवस्था किए जाएं. पूरी अयोध्या में कहीं भी फुटपाथ पर कब्ज़ा नहीं होना चाहिए, ताकि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो. प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते अगले दो-तीन दिनों तक अयोध्या में सामान्य आवागमन और यातायात प्रभावित होने की आसार है. ऐसे में नगरवासियों को खाद्यान्न, पेयजल और रसोई गैस आदि जरूरी वस्तुओं का अभाव न हो, इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था समय से कर लिए जाएं. अयोध्या में पूरी दुनिया से लोग आने वाले हैं. यहां तैनाती पाने वाले पुलिसवालों का व्यवहार प्रदेश की छवि प्रभावित करने वाला होगा. ऐसे में उनकी भी काउंसिलिंग की जाए.

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