एसडीएम योगेश कुमार गौड़ का विवादों से पुराना नाता
एसडीएम योगेश कुमार गौड़ इसी साल अप्रैल माह में पीलीभीत से स्थानांतरित होकर जनपद में आए थे। कुछ दिनों तक सदर एसडीएम रहे, इसके बाद रुद्रपुर तैनात हो गए। पूर्व में तैनाती के दौरान पीलीभीत में भूमि के टकराव में फंसने पर चर्चा में आए थे। वहां 15 करोड़ की जमीन कालोनाइजरों के नाम करने का इल्जाम लगा था।
वहीं, देवरिया सदर एसडीएम रहते हुए सीएम को धमकी देने वाले आरोपी को पल भर में जमानत दे दी थी। इतना ही नहीं एक दाखिल वाद में एक ही तिथि को दो आदेश कर दिए थे। जिसकी जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी गई है।
पीलीभीत में पहली तैनाती के दौरान योगेश कुमार गौड़ ने राजस्व अभिलेखों में राज्य गवर्नमेंट के नाम दर्ज करीब 15 करोड़ रुपये की कामर्शियल संपत्ति (सरकारी तालाब) के मुकदमे में प्रभावित पक्षकार राज्य गवर्नमेंट को सुने बिना ही एक ऐसे एक्ट के अनुसार निर्णय सुना दिया, जो साल 2016 से यूपी में निरसित (समाप्त) घोषित है। कम्पलेन पर शासन ने जांच कराई तो पीलीभीत के प्रकरण में एसडीएम को न्यायिक कदाचार का गुनेहगार करार दिया गया।