समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महंगाई पर निशाना साधा
अखिलेश यादव ने आवारा पशुओं के मामले को बल से उठाया। उन्होंने गवर्नमेंट से प्रश्न किया कि आप इस पर काम क्यों नहीं कर रहे हैं। क्या आपके पास बजट की कमी है। यदि कुछ नहीं हो सकता है तो कम से कम सांड सफारी ही बना लें।
सांड के हमले से कई जिलों में लोगों की जान गई: अखिलेश
ऐसा कोई जिला नहीं बचा जहां पर सांड से किसी की जान न गई होगी। संभल, मुरादाबाद, चंदौसी, हसनपुर और कितने नाम बताऊं आपको जहां सांड के हमले से जान न गई हो।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कई लोगों की जान गई
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कई लोगों की जान चली गई। आखिर गवर्नमेंट कर क्या रही है। समाजवादी गवर्नमेंट में उन्हें गवर्नमेंट की ओर से मुआवजा देती थी वो भी 10 से 15 लाख रुपये।
अखिलेश यादव ने उठाया गुलदार और टाइगर का मुद्दा
इसके साथ ही अखिलेश ने गुलदार और टाइगर का मामला उठाया। उनका बोलना था कि किसान इस कारण से खेतों में काम नहीं कर पा रहा है। इन्होंने कम से कम 40 लोगों की जान ली और अभी तो मैं साड़ की बात नहीं कर रहा। यदि किसान डर के कारण छह सात महिने से किसान खेत में नहीं जा पा रहे हैं तो ये गवर्नमेंट कर क्या रही है? इससे संबंधित विभाग कर क्या रहा है?
उत्तर प्रदेश की गवर्नमेंट बताए कि यूपी के अंडे की बाजार क्या है और कितना बाहर से मंगाया जा रहा है। इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि गवर्नमेंट एक ट्रिलियन की इकनॉमी का सपना देख रहे हैं तो आपको इस पर काम करना होगा।
मेरठ का प्लांट तो बंद हो गया: अखिलेश
मेरठ के लोग जानते हैं 236 करोड़ दिए गए थे। क्या डेरी प्लांट आज चल रहे हैं? अब सुनने में आ रहा है कि डेरी प्लांट को प्राइवेट कंपनियों को देने की तैयारी की जा रही है। इस तरह आप कैसे किसानों की सहायता करेंगे। मेरठ का प्लांट तो बंद हो गया।
विधानसभा में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महंगाई पर निशाना साधा। उन्होंने बोला साढ़े छह वर्ष में एक भी नयी मंडी नहीं बनी। आज किसानों को ठीक मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही गई थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। गवर्नमेंट ने मक्का नहीं खरीदी। अखिलेश यादव ने बोला कि आलू का रेट नहीं मिल रहा है, यदि अभी कोल्ड स्टोरेज से आलू नहीं निकला तो आलू के रेट कहां जाएगा। अखिलेश यादव ने बोला कि डेरी सेक्टर सहायता कर सकता है किसानों की आए बढ़ाने के लिए। इस सेक्टर को बजट देकर इसे बेहतर बनाया गया। इस गवर्नमेंट ने बोला कि गाय का दूध का क्या करना है, हम भेंस का दूध लेंगे। आज स्थिति ऐसी है कि वो डेरी प्लांट बंद है।