उत्तर प्रदेश

RO-ARO-2023 के पेपर लीक: पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

वाराणसी- RO-ARO प्रारंभिक परीक्षा-2023 का जब पेपर लीक हुआ तो प्रदेश में खूब बवाल हुआ,अभ्यर्थी इन्साफ की मांग करने लगे थेबता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से ये परीक्षा कराई गई थी

अब RO-ARO प्रारंभिक परीक्षा-2023 के पेपर लीक मुद्दे को लेकर बोला जा रहा है कि पुलिस ठीक से काम करती तो पेपर लीक नहीं होतामामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा डॉशरद को अरैस्ट किया गया थाडॉशरद के विरुद्ध 2022 में अधिपत्र जारी हुआ थाफरवरी 2022 से जारी गिरफ्तारी का अधिपत्र हुआ था

RO-ARO प्रारंभिक परीक्षा मामला…

कहा गया कि पेपर लीक कराने के आरोपी डाक्टर शरद सिंह पटेल पर कमिश्नरेट की पुलिस की ढिलाई की वजह से 26 महीने से अधिक समय से कानूनी शिकंजा नहीं कसा जा सका थाउसके विरुद्ध नीट सॉल्वर गैंग के मुद्दे में दो फरवरी 2022 से गिरफ्तारी का अधिपत्र जारी थामगर, पुलिस न जाने किस दबाव में थी कि डाक्टर शरद पर कार्रवाई नहीं की

उधर सारनाथ थानाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा कि डाक्टर शरद नीट सॉल्वर गैंग प्रकरण में वांछित हैउसके विरुद्ध वारंटी बनाकर लखनऊ की न्यायालय और कारावास में पेश किया जाएगा इसके बाद उसे बनारस लाकर मुकदमे के संबंध में पूछताछ की जाएगी

 

पेपर लीक कराने में अहम किरदार निभाने वाले मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र के कैलहट, पचेवरा के रहने वाले डाक्टर शरद को रविवार को यूपी-एसटीएफ ने आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने के आरोपी के रूप में अरैस्ट किया है इससे पहले वाराणसी में नीट में गड़बड़ी के इल्जाम में 13 सितंबर 2021 को सारनाथ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया थातत्कालीन पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के निर्देश पर मुकदमे की विवेचना पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी

अगर किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी की किरदार संदिग्ध प्रतीत होगी तो उसके विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी

इसके अतिरिक्त 2022 में आरोपी के रूप में डाक्टर शरद का नाम सामने आया था. मगर, पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के तबादले के साथ ही विवेचना ठंडे बस्ते में चली गई और डाक्टर शरद ने जालसाजी का सिलसिला जारी रखा थावह लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए बुरा साबित हो गया

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