उत्तर प्रदेश

IPS प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर पर पिता का छलका दर्द: बोले- ऐसे अफसर कहीं मिलेंगे, होनहार है मेरा बेटा…

11 वर्ष और 32 बार ट्रांसफर…यूपी के 20 जिलों की कमान संभाल चुके आईपीएस प्रभाकर चौधरी अपने ट्रांसफर के लिए चर्चा में हैं चर्चा हो भी क्यों न, कांवड़ियों पर लिए गए एक्शन के 3 घंटे बाद प्रभाकर चौधरी को तबादले की रूप में रिएक्शन जो मिल गया

पूरे मुद्दे पर जहां सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया साझा की वहीं, अब प्रभाकर चौधरी के पिता पारस नाथ ने बेटे के तबादले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है पारस नाथ ने कहा, ”ये बहुत दुख की बात है मेरे बेटे की ईमानदारी के बदले उसका ट्रांसफर कर दिया गया बीजेपी ने मेरे बेटे के साथ गलत किया है मैं बड़ा नेता तो नहीं था, लेकिन मैं बीजेपी से 40 वर्षों से जुड़ा था, अब मैं बीजेपी छोड़ रहा हूं

लेकिन उससे पहले एक नजर पूरे मुद्दे पर

तारीख 30 जुलाई दिन रविवार, बरेली के पुराना शहर के मोहल्ला जोगी नवादा से समाचार आई कि कांवड़ यात्रा के दौरान हंगामा हो गया है इस हंगामा को रोकने के लिए मौके पर पुलिस फोर्स पहुंचा फिर समाचार सामने आई कि कांवड़ियों पर लाठीचार्ज किया गया है मुद्दे में कुछ कांवड़ियों सहित स्त्रियों के घायल हुई

पुलिस के इस एक्शन पर तब बरेली में तैनात SSP प्रभाकर चौधरी ने बोला कि भीड़ अधिक थी, डीजे भी अधिक ऊंचा था लोगों को समझाने का कोशिश किया गया जब नारेबाजी और बवाल हुआ तो पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने लिए लाठी फटकारीं इसके बाद पुलिस ने माहौल को शांत कराया कुछ लोग माहौल बिगाड़ने का कोशिश कर रहे थे

आया तबादले का फरमान

SSP प्रभाकर चौधरी के नेतृत्व में जो कुछ किया गया, शासन ने उसे गंभीर मानकर SSP प्रभाकर चौधरी को हटा दिया उनका स्थानांतरण 32वीं PAC लखनऊ भेज दिया गया हालांकि, तबादले की लिस्ट में 14 आईपीएस ऑफिसर शामिल थे प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा हुईं

”ऐसे अधिकारी कहीं मिलेंगे? होनहार है मेरा बेटा”

अंबेडकरनगर जिले के हंसवर थाना क्षेत्र मेढ़ी सुलेमपुर गांव में आईपीएस प्रभाकर चौधरी का घर है यहां उनके पिता और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं पिता पारस नाथ सेवानिवृत्त शिक्षक हैं अपने बेटे के ट्रांसफर पर पारस नाथ ने कहा, ”वो बहुत होनहार अधिकारी है प्रभाकर हमेशा से योग्य रहा है उसने केवल UPSC की परीक्षा ही नहीं पास की थी उसने लेखपाल समेत कई एग्जाम पास कर लिए थे लेकिन उसे आईपीएस बनना था, अपने सपने को उसने पूरा किया प्रभाकर अब ईमानदारी से काम भी कर रहा है देखिए…कोई ऐसा अधिकारी मिलेगा कहीं?”

”एक्शन नहीं लेता, तो मर जाते 25-30 लोग”

पारस नाथ ने कहा, ”मैं बरेली गया हूं, मैंने देखा है वहां मुसलमान जनसंख्या अधिक है बेटे से बात भी हुई है उस दिन वहां के जो हालात थे, यदि उसपर एक्शन नहीं लिया जाता…तो वहां 25 से 30 लोग मर जाते लाठीचार्ज कर पुलिस ने हंगामा को रोका बेटे ने ईमानदारी से काम किया और उसकी स्थान उसका स्थानांतरण कर दिया गया उसने वहां दंगा होने से बचा लियावो किसी की नहीं सुनता, मैं भी संघ और बीजेपी में रहा हूं

पारस नाथ ने वार्ता के दौरान आगे कहा, ”मेरे बेटे की एक कमी कहें या अच्छाई, वह नेताओं की एकदम नहीं सुनता ये नेता लोग बहुत दबाव डालते हैं, गलत काम कराना चाहते हैं लेकिन वो सबकुछ इंकार कर देता है यही वजह है कि वो नेताओं की निगाहों में खटकता है वो गरीब लोगों की भलाई में लगे रहते हैं, तभी तो उसका स्थानांतरण कर दिया जाता है

पारस नाथ चौधरी ने कहा, ” मैं 40 वर्षों से बीजेपी से जुड़ा हूं राजनीति की परख है मुझे, मैं संघ का कार्यकर्ता रहा हूं मेरे बेटे के ट्रांसफर के पीछे का कारण बीजेपी है अब मैं भाजपा छोड़ रहा हूं मैं ये नहीं कहूंगा कि क्या कर सकता हूं हां…20-25 गांवों में अच्छी पकड़ जरूर है, वहां मैं बीजेपी को नहीं जीतने दूंगा ऐसा मेरा प्रण है मेरे बेटे के साथ इतना गलत और अशोभनीय व्यवहार किया गया है, जो बर्दाश्त के बाहर है

”अब तो बेटे को ट्रांसफर की आदत लग है”

प्रभाकर चौधरी के पिता ने कहा, ”अब मेरे बेटे को ट्रांसफर की आदत लग गई है वो स्वयं ही जिले में 4 से 5 महीने में ऊब जाता है क्योंकि उसे पता होता है कि उसका ट्रांसफर करवा दिया जाएगा देखिए उसके ट्रांसफर की लिस्ट कितनी लंबी है मुझे दुख इस बात का है कि अबकी उसने ठीक फैसला लिया था जब मुझे पता चला कि बेटे का स्थानांतरण कर दिया गया, मैंने रात को खाना तक नहीं खाया

 

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