अवैध भूमि का उपयोग करने से रोकेगा नोटिफिकेशन सिस्टम
गैरकानूनी जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं कर सके इसके लिए योगी गवर्नमेंट इललीगल लैंड यूज डिटेक्शन नोटिफिकेशन सिस्टम (आईएलडीएनएस) विकसित करने जा रही है। इस एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का प्रयोग मेरठ से होने जा रहा है। इस क्रम में, मेरठ में गैरकानूनी भूमि इस्तेमाल को रोकने के लिए इललीगल लैंड यूज डिटेक्शन नोटिफिकेशन सिस्टम (आईएलडीएनएस) का विकास किया जाएगा।मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) ने तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं।यूपीएलसी ने आईएलडीएनएस के विकास के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से सॉफ्वटेयर कंपनियों को आमंत्रित करते हुए आवेदन मांगा है।उल्लेखनीय है कि इललीगल लैंड यूज डिटेक्शन नोटिफिकेशन सिस्टम को लागू करने से एमडीए में पार्दर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और इससे एमडीए में पूर्ण डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा।खास बात ये है कि अधिसूचना प्रणाली के विकास के साथ ही अन्य विभिन्न मॉड्यूल्स के विकास, क्रियान्वयन और रखरखाव का मार्ग प्रशस्त होगा।इससे अधिसूचना प्रणाली के साथ ही विभिन्न प्रणालियों को एकीकृत करने और वर्कफ़्लो मैनेजमेंट में भी सहायता मिलेगी।
कई अर्थ में खास है परियोजना
इस परियोजना के जरिए सभी वर्कफ़्लो के लिए डिजिटल समाधान- मॉड्यूल और प्रशासन और सार्वजनिक इंटरफ़ेस के लिए एक एकीकृत पोर्टल प्रदान करेगा। सभी एक्सेस नियंत्रण किरदार आधारित होंगे जिन्हें इस सुइट में सभी एप्लिकेशन के लिए केंद्रीय रूप से बनाया/निरस्त किया जा सकेगा।यह एकीकृत निवारण वेब ब्राउज़र के माध्यम से सुलभ होगा और विभिन्न स्क्रीन आकार के लिए पर्याप्त रूप से उत्तरदायी होगा ताकि आखिरी उपयोगकर्ता अपने मोबाइल के माध्यम से भी इन अनुप्रयोगों पर काम कर सकें।विकसित किए गए निवारण में ऐसी सुविधा भी होगी जो संगठन में वर्तमान में उपस्थित विभिन्न पुराने डिजिटल समाधानों से डेटा को स्थानांतरित करने में सक्षम होगी।एप्लिकेशन में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि उपयोगकर्ता को प्रत्येक पोर्टल में पर्सनल रूप से लॉग इन करने की जरूरत न हो, साथ ही उनके पास विशिष्ट एप्लिकेशन/मॉड्यूल/सुविधा तक पहुंच की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
13 तरह के कार्य आसान होंगे
इललीगल लैंड यूज डिटेक्शन नोटिफिकेशन सिस्टम के निर्माण के जरिए कुल 13 प्रकार के कार्यों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।इसमें यूजर मैनेजमेंट सिस्टम, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम के अनुसार ऑनलाइन-ऑफलाइन रजिस्ट्रशेन, लॉटरी ड्रॉ और ई-ऑक्शन, डिपॉजिट अमाउंट चेकलिस्ट जेनरेशन, प्रॉपर्टी कैल्कुलेशन शीट जेनरेशन, डिफॉल्टर्स नोटिस और लिस्ट जेनरेशन जैसे कार्यों को सुलभता से पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।इसके अतिरिक्त, पर्सनल इन्फॉर्मेशन सिस्टम एप्लिकेशन, पेरोल सिस्टम, फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम को सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी।वहीं, प्लानिंग सेक्शन के अनुसार साइट प्लान बनाने, लेआउट बनाने, एनओसी जारी करने एफडीआर ट्रैकिंग और लैंड यूज रिपोर्ट के संकलन में सहायता मिलेगी।आईएलडीएनएस को एमडीए के इंजीनियरिंग सेक्शन समेत डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम, ग्रीवांस मैनेजमेंट सिस्टम समेत पब्लिक पोर्टल जैसी सुविधाओं से भी युक्त किया जाएगा।इसके अतिरिक्त, यह क्लाउड हाउसिंग से युक्त होगा और सिस्टम का विकास कर रही एजेंसी को ही इम्पैनल्ड क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर के जरिए कार्य करेगा।वहीं, आबद्ध की गई एजेंसी को इस सिस्टम की साइबर सिक्योरिटी ऑडिट का भी कार्य करना होगा।