UPSC साक्षात्कार में पूछी गई थी मेयोनीज बनाने की रेसिपी

UPSC साक्षात्कार में पूछी गई थी मेयोनीज बनाने की रेसिपी

UPSC Success Story, आईपीएस Story : बॉलीवुड फिल्म ‘जय गंगा जल’ आपने देखी होगी तो प्रियंका चोपड़ा अभिनीत तेज तर्रार स्त्री पुलिस अधिकारी का रोल याद होगा आज हम आपको जिस स्त्री आईपीएस की स्टोरी बताने जा रहे हैं, जय गंगा जल फिल्म इन्हीं पर बेस्ड है यह कोई और नहीं, बिहार की पहली स्त्री आईपीएस मंजरी जरुहर हैं इनके आईपीएस बनने की कहानी राष्ट्र की प्रत्येक बेटी के लिए एक ऊर्जा का काम करती है

मंजरी जरुहर राष्ट्र की पहली पांच स्त्री आईपीएस ऑफिसरों में से एक हैं लेकिन आईपीएस मंजरी के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था एक समापन और शिक्षित परिवार से होने के बावजूद महज 19 वर्ष की उम्र में उनकी विवाह कर दी गई थी हालांकि विवाह अधिक दिन नहीं टिकी उन्हें भी बचपन से ही कुशल गृहणी बनने की हिदायतें मिली थी विद्यालय में कढ़ाई-बुनाई सिखाई गई तो घर पर मां ने खाना बनाने और घर संभालने में निपुण होने की राय दी

 

शादी टूटने के बाद मंजरी जरुहर ने हताश होने की बजाए अपने स्वप्न पूरे करने की ठानी उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था उनके परिवार में कई लोग सरकारी उच्च पदों पर थे जिन्हें देखकर वह बड़ी हुई थीं मंजरी जरुहर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आ गईं और यहां एक कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया
जॉब ? ">

1976 में बनीं आईपीएस

मंजरी जरुहर की मेहनत रंग लाई और वह वर्ष 1976 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने में सफल रहीं इस तरह उन्हें बिहार की पहली स्त्री आईपीएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल हुआ इतना ही नहीं, वह हिंदुस्तान की पहली पांच स्त्री आईपीएस ऑफिसरों में से भी एक थीं

दिल्ली विवि से किया पोस्ट ग्रेजुएशन 

आईपीएस मंजरी जरुहर ने पटना वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है सिविल सर्विस एग्जाम क्लीयर करने का मकसद लेकर दिल्ली आ गई थीं उन्होंने यहां आकर दिल्ली विवि में पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया साथ ही सिविल सर्विस की कोचिंग ज्वाइन की मंजरी जरुहर ने एक साक्षात्कार में बताया है कि वह ग्रेजुएशन डीयू से करन चाहती थीं उनका एडमिशन हो गया था लेकिन उनके पिता घर से दूर नहीं जाने देना चाहते थे जिसके चलते उन्हें पटना वीमेंस कॉलेज में एडमिशन लिया पटना वीमेंस कॉलेज में भी वे भूगोल पढ़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इंग्लिश में बीए (ऑनर्स) करना पड़ा

 

मंजरी जरुहर ने एक साक्षात्कार में बताया है कि सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार में उनसे पूछा गया था कि मेयोनीज बनाने की रेसिपी क्या है दरअसल, उन्होंने फॉर्म में हॉबी में कुकिंग और पढ़ना बताया था मंजरी ने पहली बार 1974 में सिविल सेवा परीक्षा दीं जिसमें वह साक्षात्कार तक पहुंचीं लेकिन साक्षात्कार क्वॉलिफाई नहीं कर पाई थीं इसके बाद 1975 में दूसरी बार सिविल सेवा परीक्षा दीं इस बार वह सफल रहीं