उत्तर प्रदेश

इन धार्मिक शहरों में निवेश, ढाई लाख लोगों के लिए खुलेगा रोजगार के द्वार

भूमि पूजन कार्यक्रम (जीबीसी) में सोमवार को प्रदेश के धार्मिक शहरों में भी निवेश परियोजनाओं का शुरुआत हुआ. इसमें अयोध्या, काशी और मथुरा में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं शामिल हैं. इन शहरों समेत प्रदेश के सभी आठ धार्मिक स्थलों में 86 हजार करोड़ रुपये से लगभग 500 परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा. इससे लगभग ढाई लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

निवेश परियोजनाओं में गवर्नमेंट का फोकस प्रमुख धार्मिक शहरों पर भी हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के निर्माण और अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद निवेशक भी इन शहरों में काफी रुचि दिखा रहे हैं. जीबीसी में केवल अयोध्या, काशी और मथुरा के लिए लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुरुआत हुआ है. इसमें काशी में 15,314 करोड़ रुपये से 124 प्रोजेक्ट, मथुरा में 13,487 करोड़ रुपये से 81 और अयोध्या में 10,156 करोड़ से 146 प्रोजेक्ट प्रारम्भ होंगे.

अयोध्या में केवल पर्यटन विभाग के जरिये 3,500 करोड़ के निवेश से 142 होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस का निर्माण कराया जाएगा. वहीं, आवास विभाग के जरिये 3,409 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. अयोध्या में सभी विभागों के 146 प्रोजेक्ट से लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इसी तरह वाराणसी में विभिन्न विभागों की 124 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरेंगे. इनमें सर्वाधिक पर्यटन और हॉस्पिटालिटी सेक्टर के हैं. इससे करीब 43 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.

मथुरा में 81 प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए भूमि पूजन हुआ है. प्रदेश गवर्नमेंट यहां 150 करोड़ से मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर का निर्माण भी कराने जा रही है. इससे वहां निवेशकों और पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी और लगभग 30 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसी तरह कुशीनगर में 1,152 करोड़, प्रयागराज में 9,619 करोड़, चित्रकूट में 7,047 करोड़, नैमिषारण्य तीर्थक्षेत्र के लिए सीतापुर में 21,801 करोड़ और मिर्जापुर में 7358 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतरेगा.

वहीं, साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर वहां निवेश परियोजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें कुछ प्रमुख होटल और कई अन्य परियोजनाएं भी हैं.

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