अखिलेश यादव की तरफ से पार्टी के बड़े नेताओं को घोसी जाने के दिए गये निर्देश
घोसी उपचुनाव के लिए सपा-बीजेपी में जोरदार भिड़न्त है, दोनों पार्टियां चुनाव जीतने के लिए दम-खम से लगी हुयी है। यदि बात करें समाजवादी पार्टी की तो सैफई परिवार घोसी उपचुनाव को लेकर बहुत गंभीर है। अखिलेश यादव की तरफ से पार्टी के ज्यादातर बड़े नेताओं को घोसी जाने के निर्देश दिए गए है। शिवपाल यादव पहले से ही घोसी में चुनाव प्रचार कर रहे है। वहीं आज यानि की शुक्रवार को प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी घोसी के रण में शामिल होने के लिए रवाना हो गए है।
मऊ घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सुधाकर सिंह और भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के बीस जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिल रही है। दोनों नेताओं द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा किया जा रहा है।
अब मोटा-मोटी बात कर लेते हैं घोसी सीट के राजनीतिक और जातीय समीकरण की
घोसी सीट पिछले दो बार से उपचुनाव का मुंह देख रहा है…बता दें कि 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट से फागू चौहान विधायक चुने गए, लेकिन 2 वर्ष बाद ही उन्हें बिहार का गवर्नर बना दिया गया और उपचुनाव हुए। ठीक वैसे ही 2022 में भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने भाजपा को झटका देते हुए साइकिल की सवारी करते हुए विधायक बन गए थे। लेकिन कुछ वर्ष के अंदर ही उनका समाजवादी पार्टी से मन भर गया, तो वो समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में चले गए।
अब जानते हैं थोड़ा सा घोसी की जनता के बार में ?
घोसी क्षेत्र का जातीय समीकरण भी काफी दिलचस्प रहा हैं। घोसी विधानसभा में पिछड़े, मुसलमान और दलित समेत अन्य का जातिगत फैक्टर भी काफी कारगर ढंग से रहा है। जो नेता इन लोगों को लुभाने में सफलता हासिल कर लेता हैं, तो मानों घोसी की सीट उसी की हो जाती हैं। वहीं इस सीट का वितेजा बन जाता है।
इस लिहाज से भी समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जो PDA का फॉर्मूला दिया हैं। उसको भी आजमाने का समय आ गया है। बता दें कि 4.20 लाख मतदाताओं वाली घोसी सीट पर मुस्लिम वोटर करीब 85 हजार हैं। दलित 70 हजार, यादव 56 हजार, राजभर 52 हजार और चौहान वोटर करीब 46 हजार हैं। इस जातीय समीकरण की वजह से समाजवादी पार्टी जीत की आशा तो कर रही होगी लेकिन दारा सिंह चौहान की पूर्वांचल में पिछड़ी जाति में अच्छी पकड़ है।
अब एक तरफ भाजपा के दिग्गज नेता दारा सिंह चौहान हैं तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के बाहुबली माने जाने वाले नेता सुधाकर सिंह। अब उपचुनाव का ये मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होगा। क्योंकि इस सीट पर भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधी भिड़न्त देखने को मिलेगी। लेकिन घोसी की जनता का जो मेन मामला है वो विकास का ही है। यहां की जनता का दिल जीतने में कौन सफल हो पाता हैं ये तो नजीते आने के बाद ही पता चलेगा।