सरकार ने श्री रामजन्मभूमि की सुरक्षा में किया बड़ा बदलाव
श्रीराम जन्मभूमि की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) की पहली टीम अयोध्या पहुंच गई है। एसएसएफ की तीन कंपनियों में 280 जवान हैं। सोमवार की रात वह पुलिस लाइन पहुंचे, जहां क्षेत्राधिकारी अयोध्या एसपी गौतम ने उनका स्वागत किया। एसपी गौतम ने कहा कि इन जवानों को दस दिनों तक विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके बाद तैनाती की जाएगी। यह बल पीएसी जवानों के साथ श्री राम जन्मभूमि के आंतरिक परिसर और आसपास के बाहरी परिसर की सुरक्षा संभालेगा। अयोध्या में छह कंपनी एसएसएफ की बैठक है। पहले चरण में तीन कंपनियां मिली हैं। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में प्रस्तावित है। ट्रस्ट इसकी तैयारी कर रहा है। सुरक्षा प्रबंध और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी आ रहे हैं। इससे पहले सुरक्षा प्रबंध मजबूत की जा रही है।
रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने 4 सितंबर को पत्रकारों से वार्ता में बोला कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति 51 इंच ऊंची होगी। इसमें ईश्वर बाल रूप में प्रकट होंगे। प्रतिमा को गर्भगृह में बने चबूतरे पर कमल पर खड़े बच्चे के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी से बात कर 26 जनवरी से मकर संक्रांति के बीच की तारीख तय की जाएगी।
25 हजार लोग एक साथ कर सकेंगे दर्शन
एक साथ 25,000 लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे। शौचालय, बिजली, पानी, लैकर और बैठने की मुनासिब प्रबंध के लिए तीर्थयात्री सेवा केंद्र और हॉस्पिटल भी बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरती और दर्शन भी नि:शुल्क होंगे