पिछले 80 वर्षों से मशहूर है इस शहर का गजक, बनाया जाता है इस खास तरीके से
जब भी बात स्वाद की आती है तो फर्रुखाबादी गजक का नाम सबसे पहले आता है। सर्दी के मौसम में सर्वाधिक पसंद की जाने वाली मिठाई गजक है। जैसे-जैसे सर्दी अपना असर दिखाएगी वैसे-वैसे गजक का कारोबार गर्म होता जाएगा। पिछले 80 सालों से फर्रुखाबाद की गजक प्रसिद्ध है। जिस प्रकार से यह तैयार की जाती है। इसे बनाने का तरीका भी काफी अलग है।
इस गजक की सर्वाधिक मांग होने का कारण यह मुलायम होने की वजह से बुजुर्गों के खाने लायक भी होती है। जिले में नाला मच्छट्टा और बुरा वाली गली में इन दिनों गजक की बनाने की तैयारी चल रही है। दुकानदार अनिल कुमार ने कहा कि सर्दियों का मौसम प्रारम्भ होते ही गजक की बिक्री बढ़ गई है। जिस तरह यहां पर सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लगी रहती है। यहां पर 10 प्रकार की भिन्न-भिन्न स्वाद की गजक मिल जाती है।
इतनी है गजक की कीमत
जो आमतौर पर चीनी लिकमा, चिक्की, मूंगफली, टिकिया तिली रोल, गजक काजू, बादाम और मिक्स जैसे विभिन्न प्रकार की आमतौर पर बिक्री होती है। इनमे गुलाब और केवड़ा के इत्र का प्रयोग किया जाता हैं। इस समय जिले में 150 से 240 रुपए में एक किलो गजक की बिक्री हो रही है। ऐसे समय पर अच्छी बिक्री होने पर एक दिन में 3000 से 4000 हजार रुपए की बचत हो जाती है। वहीं महीने में 50 से 60 हजार रुपए का फायदा हो जाता है।
क्या है गजक बनाने की रेसिपी
सबसे पहले तिल, खोया, चीनी, गुड़ और मेवा के साथ ही इलायची, इत्र की सामग्री का प्रयोग क्या जाता हैं। गजक बनाने के लिए मेवा और तिल को धीमी आंच में भुना जाता है। फिर कढ़ाई में घी को गर्म किया जाता हैं। अच्छे से घी गर्म हो जाने के बाद में उसने खोया को मिला दिया जाता हैं। कढ़ाई में धीमी आंच में इन सभी मिश्रण को भून कर ठंडा किया जाता है। फिर इस मिश्रण को कूटकर पीसा जाता हैं। एक प्लेट, ट्रे में अच्छे से समतल करके फैलाते हैं वही ठंडा होने पर इन्हे साइज का काटकर तैयार कर लेते हैं। अब हो गई तैयार टेस्टी गजक।