उत्तर प्रदेश

संभल के एसडीएम सुनील कुमार त्रिवेदी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सौपा एक ज्ञापन

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष द्वारा सार्वजनिक तौर पर संविधान विरोधी विचार व्यक्त किए जाने का विरोध करते हुए मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप कर संविधान की सुरक्षा का भरोसा राष्ट्र को दिलाने की कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपील की है साथ ही एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा है

सोमवार को जनपद संभल के एसडीएम संभल सुनील कुमार त्रिवेदी को कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक विभाग के कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें कार्यकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अपील करते हुए बोला कि आपके संज्ञान में होगा कि पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने अंग्रेज़ी “दैनिक द मिंट” के 15 अगस्त 2023 के संस्करण में मौजूदा संविधान की स्थान नया संविधान लाने की वकालत करते हुए “देयर इज़ ए मुकदमा फॉर वी द पीपल टू इंब्रेस अ न्यू कॉस्टिट्यूशन” शीर्षक से लेख लिखा है

यह लेख उनके सरकारी ओहदे के साथ प्रकाशित हुआ है इसलिए इसे उनका पर्सनल राय नहीं समझा जा सकता और ना ही ये संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति के उनके अधिकार के अनुसार ही आता है लिहाजा तकनीकी तौर पर ऐसी कोई वजह नहीं दिखती कि इसे केंद्र गवर्नमेंट की राय न मानी जाए, जिस तरह लेख में संविधान के बुनियादी संरचना को समाप्त कर देने की वकालत के साथ उसमें वर्णित समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों को हिकारत से संबोधित किया गया है

वह न केवल संविधान विरोधी हैं बल्कि इन्हीं मूल्यों पर आधारित हमारे गौरवशाली स्वतंत्रता आंदोलन का भी अपमान है, जो इस लेख को राजद्रोह के दायरे में लाता है इसलिए यह हमारे कानूनी लोकतंत्र के खिलाफ होगा कि ऐसे आदमी अपने पद पर बने रहें संविधान के अभिरक्षक होने के कारण हम आपसे अपील करते हैं कि आप इस संबंध में जरूरी हस्तक्षेप कर संविधान की सुरक्षा का भरोसा राष्ट्र को दिलाएंगे शहर अध्यक्ष तौकीर अहमद, डाक्टर सलाहउद्दीन शहर चेयरमैन, अकील, सुभानी, राहतजान, फिरासत, तबबन खां, भूरा खां, जाकिर आदि उपस्थित रहे

कांग्रेस अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष तनवीर खान आरिफ ने बोला कि पीएम की आर्थिक सलाहकार विवेक देवरॉय ने बोला है कि नया संविधान आना चाहिए यह संविधान का अपमान है हिंदुस्तान का अपमान है बाबा साहब का अपमान है बाबा साहब ने यह जो संविधान राष्ट्र को दिया है यह राष्ट्र के हर नागरिक के लिए है ना कि उनके पर्सनल के लिए हम यह चाहते हैं कि राष्ट्रपति उनके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसी हरकत ना की जाए

 

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