उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने प्रकृति और परमात्मा के बीच तालमेल पर जोर देते हुए कहा…

लखनऊ सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रकृति और परमात्मा के बीच सामंजस्य पर बल देते हुए गुरुवार को बोला कि यह समन्वय नहीं होने पर प्रलय जरूर आएगी और इससे बचने के लिए सभी को वन परंपरा के साथ जुड़ना होगा सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (एचपीसीएल) के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अनुसार मौजूद कराई गई धन राशि से सेवा सरेंडर संस्थान के एकलव्य वनवास छात्रावास के लोकार्पण एवं सारंग तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे

उन्होंने कहा, ‘अगर प्रकृति और परमात्मा के बीच में समन्वय नहीं होगा तो प्रलय जरूर आएगी इससे बचना है तो हमें वन परंपरा के साथ जुड़ना होगा और कहीं न कहीं अरण्य संस्कृति को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित भी करना पड़ेगा

उन्होंने कहा, ‘वनवासी समाज राष्ट्र के अतीत की परंपराओं का वाहक है वह धरती को माता मानकर माता भूमि: पुत्रो अहम पृथिव्या: के दिव्य रेट के साथ आज भी हिंदुस्तान की अरण्य संस्कृति को न सिर्फ़ लेकर चल रहा है, बल्कि उसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नया संदेश भी दे रहा है

आदित्यनाथ ने बोला कि वह बुधवार को गोरखपुर के वनटांगिया गांव में गए थे वहां के लोगों को साल 2017 में प्रदेश में डबल इंजन की गवर्नमेंट बनने पर असली आजादी मिल पाई थी उन्होंने कहा, ‘डबल इंजन की गवर्नमेंट ने आजादी के 70 सालों के बाद उनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया इतना ही नहीं उन्हें वोट देने का अधिकार मिला जिन गांवों में एक भी मकान नहीं थे, उन्हें जमीन के पट्टे दिये गये आवास की सुविधा दी गई

उन्होंने बोला कि वह पीएम नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं, क्योंकि उन्होंने 15 नवंबर को ईश्वर बिरसा मुंडा की पावन जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था आज जनजातीय परंपरा को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए जगह-जगह संग्रहालय बनाये जा रहे हैं, ताकि उन परंपराओं, धरोहरों को सुरक्षित और समय के अनुरूप आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए गवर्नमेंट की ओर से अनेक कोशिश किये जा रहे हैं

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