जमीन कब्जा मामले में आगरा में भाजपा के मंत्री और सांसद के बीच टकराव
ताजनगरी आगरा में 50 करोड़ की जमीन पर कब्जे के मुद्दे में अब बीजेपी के ही दो बड़े नेताओं के बीच विवाद की जानकारी सामने आई है। फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर बीती 6 जनवरी को पीड़ित परिवार से मिले थे। इस दौरान चाहर ने बोला था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि जमीन के बोर्ड पर पहले किसका नाम था और अब किसका है।
उन्होंने यह भी बोला था कि किसी नेता का फर्ज समाज की रक्षा करना और लोगों की जरूरतों को पूरा करना होता है। मुद्दे में गुनेहगार आदमी चाहे छोटा हो या बड़ा उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसे लेकर अब कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सोमवार को पलटवार किया है। उपाध्याय ने बोला कि सियासी विरोधियों को क्षेत्र में काम करना चाहिए। किसी की नाक काटकर खूबसूरत बनने की प्रयास न करें, अपनी नाक बड़ी करें।
बिना नाम लिए हो रहा वार-पलटवार
दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे का नाम नहीं लिया है लेकिन नसीहत भरी जुबान में वार-पलटवार जरूर कर रहे हैं। बता दें कि जिस जमीन को लेकर टकराव चल रहा है वह आगरा के बोदला क्षेत्र में स्थित है। इस जमीन की मूल्य 50 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस जमीन पर कब्जे के मुद्दे में योगेंद्र उपाध्याय पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। हालांकि, उपाध्याय का बोलना है कि अब उनका इस जमीन से कोई लेना-देना नहीं है।
6 महीने में समाप्त कर दिया था एग्रीमेंट
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उपाध्याय ने बोला कि मैंने इस जमीन के लिए 20 वर्ष पहले एग्रीमेंट किया था जिसकी मियाद 1 वर्ष बाद समाप्त हो जाती है। लेकिन जमीन पर टकराव का पता चला तो एग्रीमेंट छह महीने में ही समाप्त कर दिया था। मैंने ऋषि गुप्ता के साथ एग्रीमेंट किया था और समाप्त करने के बाद अपने पैसे वापस ले लिए थे। उन्होंने इल्जाम लगाया कि मनोज यादव ने फर्जी रजिस्ट्री कर जमीन पर कब्जा किया था।
मनोज यादव पर लगाया बड़ा आरोप
उन्होंने बोला कि मनोज यादव सैफई परिवार के काफी करीबी हैं। उन्होंने जमीन के चौकीदार रवि कुशवाह के परिवार से मिलकर जमीन फर्जी ढंग से बेची है। इसके साथ ही उपाध्याय ने पुलिस के काम करने के ढंग पर बोला कि पुलिस किसी भी आदमी से कब्जा नहीं करा सकती है। योगी गवर्नमेंट में मुद्दे की गहन जांच की जा रही है। बता दें कि मुद्दे की जांच डीसीपी सूरज कुमार राय की प्रतिनिधित्व में एसआईटी कर रही है।