बाल विवाह करने वाला लड़का कोर्ट से ही गिरफ्तार, संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति आगरा के सचिव पर भी दर्ज होगा मुकदमा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 साल की बालिका की विवाह करवाने वाले पुरोहित और शादी का प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति आगरा के सचिव पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही न्यायालय ने फर्जी उम्र प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर विवाह करने वाले लड़के को न्यायालय से ही अरैस्ट करवा कर संबंधित थाना अध्यक्ष को सौंपने का निर्देश दिया
कोर्ट ने बोला कि इस बात की भी जांच की जाए कि फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाया गया. न्यायालय ने नाबालिग लड़की को बाल कल्याण समिति इटावा को सौंपने का निर्देश दिया है. बाल कल्याण समिति को लड़की की काउंसलिंग करने, उसे सुरक्षित जगह पर रखने और पुनर्वास की प्रबंध करने के लिए बोला है. न्यायालय ने एसएसपी इटावा को इस मुद्दे की स्वयं नज़र करने का निर्देश दिया है. 12 वर्षीय नाबालिग और उससे शादी करने वाले पुरुष श्रवण की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने दिया.
याचिका दाखिलकर न्यायालय से मांग की गई थी कि वह दोनों बालिग हैं तथा अपनी मर्जी से शादी किया है. इसलिए उनको पुलिस से संरक्षण दिलाया जाए. उम्र प्रमाण के तौर पर लड़की का आधार कार्ड प्रस्तुत कर कहा गया कि वह 21 साल की है. इसी प्रकार लड़के ने अपनी उम्र 29 साल बताई. सरकारी अधिवक्ता ने प्रस्तुत उम्र प्रमाण पत्र आधार कार्ड पर शक जताते हुए न्यायालय से निवेदन किया की प्रथम दृष्टया आधार कार्ड फर्जी प्रतीत होता है, इसलिए इसकी जांच कर ली जाए. न्यायालय ने एसएचओ सैफई को आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया. नाबालिग लड़की के पिता को भी न्यायालय ने उम्र प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया.
एसएचओ सैफई ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा की नाबालिग लड़की की जन्म तिथि 8 सितंबर 2011 है. पुलिस ने ग्राम प्रधान और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का बयान भी दर्ज किया. नाबालिग के पिता ने भी हलफनामा दाखिल कर उसकी उम्र 12 साल आठ माह बताई. सरकारी वकील का बोलना था कि न्यायालय में इस प्रकार के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्जनों याचिकाएं रोजाना दाखिल की जाती हैं. आधार कार्ड सरलता से प्राप्त हो जाता है और पैसे के लालच में ट्रस्ट या समिति के सदस्य और पुरोहित शादीकरवादेतेहैं.
फर्जी आधार कहां बना, इसकी भी होगी जांच
कोर्ट ने बोला कि यह साफ है कि याची 12 वर्ष की नाबालिग है. उसका शादी करवाना बाल शादी प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के उल्टा है. 12 साल की उम्र में विवाह करने के घातक रिज़ल्ट हो सकते हैं. न्यायालय ने निर्देश दिया है कि विवाह करवाने वाले पुरोहित और विवाह का प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति यमुना विहार फाउंड्री नगर आगरा के सचिव पर इटावा के सैफई पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर जांच की जाए. साथ ही याची श्रवण को न्यायालय ने हिरासत में लेकर एसएचओ सैफई के हवाले करने का निर्देश दिया है. यह भी जांच करने के लिए बोला है कि फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाया गया.