यूपी के इस शहर में बन रहे हैं पीतल के खूबसूरत कछुए
मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां के पीतल के उत्पादन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। तो वहीं इन पीतल के उत्पादों पर चार चांद लगाने का काम करते हैं यहां के शिल्पगुरु। जो अपनी सुंदर-सुंदर नकाशी से इन्हें और अधिक खूबसूरत और आकर्षित बनाते हैं। यही वजह है कि इन्हें देश-विदेश में खूब पसंद किया जाता है। उन्ही में से एक है पीतल के कछुए जो देखने में बहुत सुंदर और आकर्षित लगते हैं। यह कछुए डेकोरेशन में इस्तेमाल करने के लिए तो प्रयोग किया ही जाते हैं। इसके साथ ही मान्यता है की पीतल के कछुए घर में वास्तु शास्त्र के लिए भी शुभ माने जाते हैं।
पीतल व्यवसायी नितिन खन्ना ने कहा कि पीतल नगरी में पीतल के कछुए तैयार होते हैं। जो कई डिजाइन और कई तरह के होते हैं। उन्होंने कहा कि कछुए और इसमें जो डॉल्फिन आती है। वह हमारे वास्तु शास्त्र में भी शुभ माने जाते हैं। कछुए को एक बॉल में रखकर उसका पानी यूज करते हैं। वह घर के लिए बहुत लाभ वाला होता है। इसी तरह हमारे पास कई तरह के कछुए हैं। जिसमें 100 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के वजन के कछुए हैं। यह सब किलो के हिसाब से ही दिए जाते है। उन्होंने कहा कि जो लोग वास्तु शास्त्र को मानते हैं वह सबसे अधिक कछुए की खरीदारी करते हैं और पीतल के कछुए पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट किया जा रहे हैं।
वास्तु के मुताबिक पीतल का कछुआ बहुत ही शुभ माना जाता है और ये खुशहाली का साधन होता है। यदि हम पीतल का कछुआ घर की उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में रखते हैं। तो ये घर के बाहर की सकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर अवशोषित करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायता करता है। यह कछुआ घर में सौभाग्य लाता है। यदि आप इसे ठीक दिशा में रखेंगे तो यह परिवार के सदस्यों, विशेषकर पढ़ाई करने वाले बच्चों के जीवन में शुभता और सौभाग्य को आकर्षित करता है। पीतल के कछुए को आप दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं।