नई प्राइमरी शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए बुरी खबर
UP Teacher Vacancy 2024: यूपी में नयी प्राइमरी शिक्षक भर्ती का प्रतीक्षा कर रहे युवाओं के लिए बुरी समाचार है। राज्य गवर्नमेंट ने बोला है कि अभी उसकी प्राइमरी शिक्षकों की नयी भर्ती निकालने की कोई योजना नहीं है। विद्यार्थियों और शिक्षकों का अनुपात एकदम ठीक है। राज्य गवर्नमेंट में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बोला कि इस समय बेसिक में 30 विद्यार्थी पर एक टीचर तय हैं, अपर प्राइमरी में 35 विद्यार्थियों पर एक टीचर तय हैं। इस अनुपात को हम लोग बराबर कर रखे हैं। अनुपात बराबर है तो पठन-पाठन के काम में कोई परेशानी नहीं आ रही। नयी अध्यापक भर्ती को लेकर राज्य गवर्नमेंट के इस रुख ने शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोश और बढ़ा दिया है। योगी गवर्नमेंट का यह उत्तर तब आया है जब बीते कई दिनों से विद्यार्थी नयी शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधानसभा में बोला कि प्राइमरी विद्यालयों में स्वीकृत पद 417886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 85152 पद खाली हैं। लेकिन शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मिलाकर छात्र-शिक्षक का अनुपात पूरा है और पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं है।
विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल में सपा (सपा) के सदस्य अनिल प्रधान और अभय सिंह के प्रश्नों का उत्तर देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया, ‘वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग के भीतर शिक्षा मित्र और अनुदेशक दोनों पढ़ाई में योगदान करते हैं। विभाग में अंशकालिक अनुदेशक, शिक्षा मित्र और सहायक अध्यापकों को मिलाकर वर्तमान में शिक्षकों की संख्या 6,28,915 है। अनुपात पूरा है और पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं है।” एक पूरक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने यह भी कहा, ”हमारी गवर्नमेंट में 2017 से लेकर अभी तक 1,26,371 नये शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है।”
सिंह ने कहा, ” उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 4,17,886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 85,152 पद रिक्त हैं।” उन्होंने कहा कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थी संख्या 1,05,06,379 हैं एवं कार्यरत अध्यापकों की संख्या 3,32,734 है, इस प्रकार छात्र-शिक्षक अनुपात 31:1 (31 विद्यार्थी पर एक शिक्षक) है। सिंह ने दावा किया कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की संख्या 1,47,766 को सम्मिलित करते हुए छात्र-शिक्षक अनुपात 21:1 है जो मानक के मुताबिक पूर्ण है।
बीएड प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर
सुप्रीम न्यायालय के आदेश की पालना में योगी गवर्नमेंट ने यह भी साफ कर दिया है बीएड वाले प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती से बाहर रहेंगे। वे कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को नहीं पढ़ा पाएंगे। बीएसटीसी/ बीटीसी/ डीएलएड वाले ही प्राइमरी शिक्षक बन सकेंगे। मंत्री संदीप सिंह ने कहा, ‘माननीय सर्वोच्च कोर्ट में योजित विशेष अपील संख्या-5068/2023 देवेश शर्मा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य में 11 अगस्त, 2023 को पारित आदेश में बी०एड० अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 तक में पढ़ाने हेतु राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्गत अधिसूचना दिनांक 28 जून, 2018 को अपास्त करते हुए निस्तारित कर दिया गया है।’
नाराज अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों का बोलना है कि बिहार में बीते 5 माह में 2 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई हैं। उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं निकल रही है। एक अभ्यर्थी ने बोला कि डीएलएड जैसे कोर्स क्यों करवा रहे हैं, इसे बंद कर दीजिए। 2019 में भर्ती के दौरान गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय में काउंटर लगाया था कि आगे हम 51,112 पदों पर भर्ती देंगे। लेकिन वह कोई भर्ती नहीं हुई। पिछले 5 वर्षों में बड़ी संख्या में लोग रिटायर हुए। इतने सारे पद खाली होने के बाद भी कोई भर्ती नहीं दी जा रही है।