ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ प्रदेश सरकार आंतरिक सुरक्षा को लेकर है काफी गंभीर
Drone in Aligarh: यूपी के अतिसंवेदनशील जिलों में अलीगढ़ की गिनती होती है। बीते वर्ष में उत्तर प्रदेश एसटीएफ, एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यहां आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहे कई संदिग्धों को पकड़ा भी था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशभर में आंतकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों की टॉप लिस्ट में अलीगढ़ है। इसके बावजूद क्षेत्रीय स्तर पर पुलिस तंत्र सुरक्षा को लेकर बेफ्रिक बना हुआ है। यह बात इसलिए बोलना महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023 के अनुसार जिलेभर में कितने ड्रोन दर्ज़ हैं, इसका कोई ब्यौरा सरकारी मशीनरी के पास नहीं है। यह हाल तब है जबकि बीते साल ही योगी कैबिनेट में ड्रोन नीति के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी और थाना स्तर पर ड्रोन का पूरा विवरण दर्ज किया जाना था।
ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ ही प्रदेश गवर्नमेंट आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीर है। ड्रोन को लेकर उपजी सुरक्षा की नयी चुनौतियों से निपटने के लिए गवर्नमेंट ने बीते वर्ष नीति निर्धारित की थी। जिसके अनुसार प्रदेश में अब बिना अनुमति के कोई ड्रोन उड़ान नहीं भर सकेगा। इसके साथ ही ड्रोन का पंजीकरण कराना भी जरूरी होगा। थाना स्तर पर ड्रोन का पूरा विवरण भी दर्ज होगा। नीति के अनुसार अति विशिष्ट और विशिष्ट महानुभावों के भ्रमण और जनसभाओं, त्योहारों, धार्मिक सम्मेलन और अन्य प्रमुख अवसरों पर अस्थाई रेड जोन भी घोषित किया जा सकता है। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अब विशेष अवसरों पर अवांछित ड्रोन की उड़ान पर रोक लगाने के साथ ही नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई किए जाने का प्रावधान नीति में दिया गया है। वहीं इससे पूर्व केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से नए ड्रोन नियम-2021 को बनाए जा चुके हैं।
अलीगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों हाथरस, एटा, कासगंज आदि में शादियों और अन्य कार्यक्रमों में ड्रोन उड़ाया जाता है। ड्रोन से कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि की जाती है। बीते दिनों में जिले में कई ऐसे भी आयोजन हुए, जिसमें ड्रोन से पुष्प वर्षा भी कराई गई, लेकिन इनका कोई रिकॉर्ड सरकारी मशीनरी के पास नहीं है। जिले में फोटोग्राफ, वीडियोग्राफरों की संख्या के मुताबिक 500 से अधिक ड्रोन की संख्या होगी।
पुलिस के पास दो ड्रोन
पुलिस महकमे के पास दो ड्रोन है। यह ड्रोन विशेष मौकों पर उड़ाए जाते हैं। पूर्व में शहर के अतिसंवेदनशील क्षेत्र सराय सुल्तानी में माहौल बिगड़ने पर तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी ने ड्रोन से क्षेत्र में स्थित इमारत की छतों की तस्वीरे देखीं, जिसके बाद यहां जमा किए गए ईंट-पत्थरों को हटवाया गया था।
ड्रोन नियम 2021 के कुछ बिन्दु
ड्रोन के नये नियम रक्षा यानी नौसेना, थल सेना या वायु सेना पर नहीं लागू होंगे। बाकी सभी ड्रोन उड़ानों पर नये नियम लागू होंगे। सभी ड्रोन को डिजिटल दर्ज़ कराना होगा। साथ ही सभी ड्रोन की उपस्थिति और उनकी उड़ान के बारे में सूचित करना होगा।
-ड्रोन में 250 ग्राम या इससे कम वजन के नैनो उपकरण, 250 ग्राम से दो किलोग्राम तक के माइक्रो उपकरण लगाये जा सकेंगे। छोटे ड्रोन 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम वजनी होंगे। मध्यम (मीडियम) ड्रोन 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक के हो सकते हैं।
-ड्रोन में 250 ग्राम या इससे कम वजन के नैनो उपकरण, 250 ग्राम से दो किलोग्राम तक के माइक्रो उपकरण लगाये जा सकेंगे। छोटे ड्रोन 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम वजनी होंगे। मध्यम (मीडियम) ड्रोन 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक के हो सकते हैं।
-बड़े यूएवी 150 किलोग्राम से 500 किलोग्राम के दायरे में होंगे। 500 किलोग्राम से अधिक वजनी यूएवी विमान नियम, 1937 का पालन करेंगे।
-किसी संस्थान या आदमी को ड्रोन उड़ाने की योग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त लेना होगा, जिसे क्वालिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया या उनके/केंद्र गवर्नमेंट द्वारा अधिकृत कोई संस्था जारी कर सकती है।
-प्रत्येक ड्रोन की एक विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) होनी चाहिए, जिसे डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेल्फ-जेनेरेट किया जा सकता है। यूआईएन नए और पहले से उपस्थित सभी यूएवी के लिए जरूरी है।
-ड्रोन का हस्तांतरण अथवा उनका पंजीकरण रद्द करने का काम संबंधित डिजिटल फॉर्म के माध्यम से किया जा सकेगा।
-ड्रोन को कहीं भी नहीं उड़ाया जा सकेगा। इसके लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप देगा। जिसमें तय जोन की जानकारी होगी। यह रेड, ग्रीन और येलो जोन होंगे।
-नए नियमों के अनुसार ड्रोन का अधिकतम वजन 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। इससे ड्रोन टैक्सियों को ड्रोन नियमों के दायरे में लाना सुनिश्चित हो पाया है।
ड्रोन उड़ाने की योग्यता
ड्रोन पायलटों के लिए उम्र और योग्यता के कुछ मानक निर्धारित होंगे, जिन्हें पूरा करना जरूरी होगा। एक गैर-हस्तांतरणीय लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक पात्रता परीक्षा होगी। ये लाइसेंस 10 वर्ष के लिए वैध होंगे और सिर्फ़ अधिकृत कर्मी ही ड्रोन को संचालित कर सकेंगे। हालांकि, माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए), नैनो ड्रोन और आरएंडडी (अनुसंधान और विकास) संगठनों के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं है।
नियमों के उल्लंघन पर लगेगा एक लाख का जुर्माना
यदि नियमों के अनुपालन में कोई चूक होती है, तो विमान अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी। इसके अनुसार एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है। ये नियम इससे पहले मार्च 2021 में अधिसूचित मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियमों की स्थान लेंगे।
क्या बोली पुलिस
एसपी सिटी मृणांक शेखर पाठक ने बोला कि थाना क्षेत्रों में ड्रोन संबंधी कोई विवरण रखने का कोई आदेश लिखित नहीं प्राप्त हुआ है। इसके चलते वर्तमान में कोई रिकार्ड नहीं रखवाया जा रहा है।
एसपी देहात पलाश बंसल ने बोला कि पुलिसलाइन में विभाग के दो ड्रोन दर्ज़ है। इसके अतिरिक्त पुलिस स्टेशन स्तर पर कितने ड्रोन का विवरण है, यह निकलवाया जाएगा।