इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने परीक्षा को लेकर बनाए नए नियम, अब ऐसे होगी परीक्षा
नवंबर के आखिरी हफ्ते से प्रोफेसर रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षा प्रारम्भ होने वाली है। ऐसे में यूनिवर्सिटी नए-नए प्रयोग और नियमों के अनुसार परीक्षा कराने की प्रयास करते हैं। साथ ही कॉलेज में होने वाले नकल पर नकेल कसने के लिए भी प्रयास करते रहते हैं। इसी क्रम में इलाहाबाद राज्य यूनिवर्सिटी ने भी अपने कुछ नियमों में परिवर्तन किया है साथ ही न्यूनतम पासिंग मार्क को भी बदला है।
उत्तर प्रदेश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी है जहां इस तरह के परिवर्तन किए गए हैं। 28 नवंबर से प्रारम्भ होने वाले सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर भी इलाहाबाद राज्य यूनिवर्सिटी ने नकल रोकने के लिए कमर कस ली है। प्रोफेसर रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी इलाहाबाद ने परीक्षा कमरों में फेस मैचिंग की प्रबंध लागू करेगा। इसके लिए फेस मैचिंग का सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया गया है साथ ही इसके साथ बायोमेट्रिक भी कराई जाएगी। वहीं यदि फिर भी नकलची पकड़े जाते हैं तो उनको न्यूनतम एक सेमेस्टर के लिए डिबार कर दिया जाएगा। इन सब के अतिरिक्त परीक्षा की लाइव रिकॉर्डिंग की जाएगी और उसकी पेन ड्राइव स्टेट यूनिवर्सिटी इलाहाबाद रज्जू भैया को भेजा जाएगा।
33 की स्थान पाने होंगे न्यूनतम 35 अंक
विश्वविद्यालय में अभी तक पास होने के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना होता था, लेकिन इलाहाबाद राज्य यूनिवर्सिटी ने इस नियम को बदलते हुए अपने यूनिवर्सिटी में 33 की स्थान 35 न्यूनतम अंक निर्धारित कर दिया। बीते दिनों कुलपति अखिलेश सिंह के अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था। नयी शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 90% अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को तो ग्रेड जबकि 35% से कम अंक पाने वाले विद्यार्थियों को एफ ग्रेड अर्थात फेल कर दिया जाएगा। इसके चलते प्रोफेसर रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी आफ इलाहाबाद ने यह फैसला लिया।
प्रयागराज मण्डल में हैं इसके कॉलेज
प्रोफेसर रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के कॉलेज प्रयागराज मंडल में है। जिसमें प्रयागराज, प्रतापगढ़ ,कौशांबी और फतेहपुर जिले आते हैं। इस यूनिवर्सिटी से संबंध 691 कॉलेज का संचालन होता है। जिसमें अबकी बार सेमेस्टर की परीक्षाएं 28 नवंबर से प्रारम्भ होनी है। ऐसे में इतनी बड़ी संस्था में नकल बिन परीक्षा करना इलाहाबाद राज्य यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी चुनौती है। जिस पर कड़ी नज़र रखने की प्रयास है।