जहरीली शराब कांड की जांच करेगा मानवाधिकार आयोग

प्रदेश भर की सुर्खियों में रहे अलीगढ़ के बहुचर्चित जहरीली शराब काण्ड में दर्ज मुकदमों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम करेगी. इसके लिए चार सदस्यीय टीम सोमवार को यहां डीआईजी मानवाधिकार सुनील कुमार मीना की प्रतिनिधित्व में आ रही है.
यह जांच शराब काण्ड के मुख्य आरोपियों में शामिल शराब माफिया सुधीर चौधरी के बेटे की कम्पलेन पर प्रारम्भ हुई है, जिसमें सियासी षड्यंत्र के अनुसार झूठे मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया है. हालांकि इसे लेकर पुलिस प्रशासन ने इस प्रकरण और सुधीर और उसके माफिया घोषित भाई अनिल चौधरी से जुड़ा पूरा चिट्ठा तैयार कर लिया है. वहीं सभी तत्कालीन अफसरों को भी बुलाया गया है.
104 मौतों ने जिले में मचाया था हाहाकार
इस घटना की आरंभ 27/28 मई 2021 की रात लोधा के गांव करसुआ से हुई. फिर जिले में मृत्यु का ऐसा तांडव मचा कि लोधा के बाद खैर, पिसावा, टप्पल, गभाना, जवां, क्वार्सी, महुआखेड़ा आदि में 104 लोगों की मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम कराए गए. इस घटना में कुल 33 मुकदमे दर्ज कर 86 लोगों को कारागार भेजा गया. घटना के मुख्य आरोपियों में शामिल अधिकतर आरोपी अभी कारागार में हैं और पुलिस प्रशासन की मजबूत पैरवी के चलते उनकी जमानतें खारिज हो चुकी हैं. कोर्ट में ट्रायल जारी हैं.
घोषित माफिया अनिल-सुधीर के परिवार ने की शिकायत
इस काण्ड में जिले के शराब कारोबार से जुड़े जिला पंचायत सदस्य पति गोंडा धारा गढ़ी के अनिल चौधरी, उसके भाई सुधीर, जवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख पति ऋषि, मुनीष, विपिन उर्फ ओमवीर निवाासी कुलदीप विहार, व्यवसायी बिजेंद्र कपूर आदि को मुख्य उत्तरदायी मानते हुए कार्रवाई की. इनमें से ऋषि, मुनीष और अनिल पर रासुका में कार्रवाई हुई है. इनकी संपत्तियां भी कुर्क कर बरामद की गई हैं. इसी में सुधीर के पुत्र मनीष की ओर से यह कम्पलेन की गई है कि सियासी षड्यंत्र के अनुसार उसके पिता और चाचा को इस काण्ड में झूठा फंसाया गया. इसी की जांच के लिए यह टीम 20 मार्च से 24 मार्च तक के लिए यहां आ रही है.
बुलाए गए तत्कालीन अफसर, मृतकों के परिजन
इस दौरान जांच टीम मुकदमों का विवरण देखेगी और लोगों से वार्ता करेगी. इसकी प्रशासन ने तैयारी प्रारम्भ कर दी है. उस समय यहां तैनात रहे डीएम, जिला आबकारी अधिकारी, सुधीर-अनिल से जुड़े मुकदमों को लेकर रोरावर और खैर थाना प्रभारी, उनके मुकदमों के प्रत्यक्षदर्शी, मृतकों के परिजन आदि बुलाए गए हैं.
यह एक रुटीन प्रक्रिया का हिस्सा है. अनिल-सुधीर पक्ष की ओर से आरोप लगाए गए हैं. वे उच्च न्यायालय तक गए थे. उनका पूरा इतिहास और कच्चा चिठ्ठा हमारे पास है. हमारी पूरी तैयारी है, सभी पक्षों को बुलाया गया है.-