उत्तर प्रदेश

नये बोर्ड के गठन के बाद राजस्व विभाग के पटल प्रभारी का तबादला

इटावा नगर पालिका की 44 दुकानें बनने पर तत्कालीन पालिका प्रशासक ऑफिसरों और पालिका के तत्कालीन बाबू पर नियम खिलाफ दुकानें आवंटित किए जाने के इल्जाम लग रहे है डीएम की ओर से इस मुद्दे पर जांच करवाई जा रही है एसडीएम सदर पूरे मुद्दे की जांच में जुट गए हैं पालिका अध्यक्ष और बीजेपी नेता ने दुकानें आवंटन को लेकर डीएम से कम्पलेन की थी मीडिया में मुद्दा आने पर इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल में तेजी लाई गई है आवंटित दुकानों पर लगातार निर्माण जारी है लेकिन नए एग्रीमेंट पर रोक लगाई जा चुकी है

 

गौरतलब है कि पालिका और प्रशासन के सह और मात का खेल जिला हॉस्पिटल के सामने निर्माणधीन 44 दुकानों को लेकर चल रहा है खाली पड़ी भूमि पर निर्माण में हाल में तेजी इसलिए पकड़ी क्योंकि वर्तमान पालिका बोर्ड के गठन से पूर्व प्रशासक की मौजूदगी में नोडल अधिकारी क्षेत्रीय निकाय एडीएम, प्रशासक एसडीएम और ईओ नगर पालिका ने तेजी दिखाते हुए 44 दुकानों का आवंटन कर दिया था

इस दौरान कुछ लोगों के एग्रीमेंट में भी तेजी दिखायी गयीं जबकि नये बोर्ड के गठन के बाद राजस्व विभाग के पटल प्रभारी का स्थानांतरण हो गया और दुकानों के एग्रीमेंट के नाम पर सुविधा शुल्क की मांग की जानें के इल्जाम लगे हैं जिसके बाद इस पर टकराव प्रारम्भ हो गया कारण यह भी था कि सुविधा शुल्क न देने वाले लोगों को एग्रीमेंट खारिज करने की चेतावनी दी जा रहीं थी और तो और प्रशासनिक ऑफिसरों ने भी टकराव से बचने के लिए तहसील से होने वाले एग्रीमेंट पर रोक लगा दी गई है

इटावा पालिका और प्रशासन के बीच चल रहा खेल किसी से छिपा नहीं हैं सियासी रार के बाद अब प्रशासनिक रार से पालिका को खामियाजा भुगतान पड़ रहा हैं प्रशासक के रहते हुए कार्यों की जांच को लेकर शासन से कम्पलेन हो चुकी है

पिछले और नये कामों को लेकर भी बंदरबांट जारी
वहीं लोकल स्तर पर पिछले और नये कामों को लेकर भी बंदरबांट जारी हैं यहीं कारण हैं कि 18 वर्ष तक जिन दुकानों पर पालिका प्रीमियम और किराया बसूल रहीं थी, वहीं नयी दुकानों के एग्रीमेंट में सुविधा शुल्क की मांग नें मुद्दे में भूचाल ला दिया अब अधिकारी टकराव में नहीं पड़ना चाहते इसलिए जांच और नए एग्रीमेंट रोकने की बात सामने आई है

दुकानें आवंटित में भी झोल
नगर पालिका की दुकानों के आवंटन को लेकर कुछ सभासदों और कर्मचारियों को भी विरोध है दरअसल जो दुकानें आवंटित हुई है उनमें से अधिकतर वर्तमान और पूर्व सभासदों और उनके संबंधियों के साथ ही नगर पालिका के कर्मचारियों की हैं ऐसे में वर्तमान वांछित सभासदों और कर्मचारियों की विरोध है कि उन्हें दुकानों का आवंटन नहीं किया गया इससे पहले बीजेपी नेता धर्मेंद्र दुबे नें भी इसको लेकर भी कम्पलेन की थी और तो और पालिका बोर्ड की आनें वाले बैठक में इसको लेकर कुछ सभासद जो इन दुकानों के मालिक हैं वह बवाल करने की भी तैयारी कर रहे हैं पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता नें इसको लेकर डीएम से पूर्व में कम्पलेन की हैं वहीं मुद्दे में अब एडीएम की ओर से जांच आदेश भी जारी किया जा चुका जिसकी रिपोर्ट एक हफ्ते में देने की बात कही गई है

एसडीएम को जांच सौंपी गई
एडीएम अभिनवरंजन श्रीवास्तव ने इस पूरे मुद्दे में जानकारी देते हुए कहा है कि इस प्रकरण की मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है इसको लेकर एसडीएम को जांच सौंप दी गई है सात दिवस में जांच कर मुद्दे का पता चल सकेगा अभी नए एग्रीमेंट को लेकर रोक लगा दी गई है निर्माण पर कोई रोक नही लगाई गई है

पालिका अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी का बोलना है कि पूर्व एडीएम और प्रशासक रामविलास यादव द्वारा एनओसी के बाद ही दुकानों का आवंटन किया गया था और पालिका ने इसका निर्माण करने के लिए प्राधिकरण से नक्शा भी पास कराया था अभी मामलें डीएम की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं

 

Related Articles

Back to top button