केंद्रीय विद्यालय बाल वाटिका में लिया जायेगा बच्चों का प्रवेश
राष्ट्रीय नयी शिक्षा नीति के अनुसार अब केंद्रीय विद्यालय (केवी) में बाल वाटिका में बच्चों का प्रवेश लिया जाएगा। पहले कक्षा एक से क्लास लगा करती थी, लेकिन अब बच्चों की बेसिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए उनका प्रवेश पहले ही लिया जाएगा। लखनऊ संभाग के 17 केवी विद्यालयों में इसका शुरुआत 2023-24 सत्र से कर दिया गया है।
क्या है बाल वाटिका
केवी विद्यालय IIT के प्रिंसिपल रवीश चंद्र पांडेय ने कहा कि पहले बच्चा प्ले ग्रुप फिर LKG और UKG की पढ़ाई करने के बाद केवी में कक्षा 1 में प्रवेश लेता था, लेकिन केवी विद्यालयों में प्ले ग्रुप, LKG, UKG नहीं चलते थे। सीधे एक क्लास से कक्षाएं आयोजित होती थी, लेकिन अब नयी शिक्षा नीति के अनुसार केवी विद्यालयों में प्लेग्रुप और एलकेजी, यूकेजी का रूप बाल वाटिका 1, 2, 3 को दिया गया है।
अभी इस नए सत्र से लखनऊ संभाग के सभी विद्यालयों में केवल बाल वाटिका 3 क्लास ही आयोजित की जा रही हैं। सिर्फ़ लखनऊ स्थित केवी विद्यालय IIM में यह तीनों कक्षाएं इसी सत्र से आयोजित कर दी गई हैं। यानी कि अभी प्लेग्रुप और एलकेजी की पढ़ाई बच्चों को अन्य विद्यालय से ही करनी पड़ेगी। लेकिन इसके आगे की पढ़ाई केवी विद्यालय से कर सकते हैं।
केवी विद्यालय IIT के प्रिंसिपल रवीश चंद्र पांडेय ने कहा कि प्रवेश लेने वाले बच्चों की उम्र 3 वर्ष से अधिक और 4 वर्ष से कम होनी चाहिए।
यह बनाई गई कैटेगरी
रवीश चंद्र पांडेय कहा कि बाल वाटिका वन में प्रवेश लेने वाले बच्चों की उम्र 3 वर्ष से अधिक और 4 वर्ष से कम होनी चाहिए। बाल वाटिका 2 में प्रवेश लेने वाले बच्चों की उम्र 4 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम होनी चाहिए। बाल वाटिका 3 में प्रवेश लेने वाले बच्चों की उम्र 5 वर्ष से अधिक और 6 वर्ष से कम होनी चाहिए। अभी विद्यालयों में स्थान के अभाव की वजह से सिर्फ़ बाल वाटिका 3 की कक्षाएं प्रारम्भ की जा रही है।
40 सीटों पर 300 से अधिक लोगों ने किया आवेदन
बाल वाटिका 3 में 40 सीटों पर 300 से अधिक लोगों ने औनलाइन आवेदन किया था। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से 40 बच्चों का प्रवेश लिया गया है। सभी को औनलाइन आवेदन ही करना था।
औपचारिक शिक्षा नहीं देनी है
उन्होंने कहा कि बाल वाटिका में हम बच्चों को औपचारिक शिक्षा नहीं देंगे। पुस्तकों से उन्हें पढ़ाई नहीं कराएंगे। खेलकूद और कला के माध्यम से उन्हें सिखाया जाएगा। अनुभव आधारित शिक्षा देना मूल मकसद है। केवल 3 घंटे ही बच्चों की क्लास चलेंगी। उन्होंने बोला कि कई रिसर्च ऐसे हुए हैं, जिसमें सामने आया है कि 3 से 8 साल तक बच्चों के मस्तिष्क का विकास 80 से 90% तक हो जाता है। इसलिए हम लोग बाल वाटिका में ही बच्चों की शारीरिक और बौद्धिक क्षमता को विकसित करने का काम करेंगे।
जल्द बाल वाटिका 1 और 2 की भी लगेगी क्लास
उन्होंने कहा कि अभी विद्यालयों में इतनी स्थान नहीं है की तीनों कक्षाएं एक साथ चालू कर सकें, क्योंकि कई कक्षाएं ऐसी भी हैं, जिनके दो से तीन सेक्शन लगते हैं। लेकिन हमारा कोशिश है कि आने वाले नए सत्रों में हम बाल वाटिका 1 और 2 की कक्षाएं भी प्रारम्भ कर दें, ताकि बच्चा जब विद्यालय जाना प्रारम्भ करें तब से ही हम लोग उसे अनुभव आधारित शिक्षा दे सके।
अब जमाना काफी बदल चुका है। इसलिए नयी शिक्षा नीति के अनुसार अब बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अन्य क्षेत्रों की तरफ से भी रूबरू कराना महत्वपूर्ण हो गया है।
आईआईटी के प्रोफेसरों की सहायता से 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए विभिन्न तरह की कार्यशाला आयोजित करते हैं। कभी इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित तो कभी मैकेनिकल से संबंधित कार्यशाला आयोजित करते रहते हैं।