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जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान हुए हादसे,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया ये फ़ैसल

वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के मुद्दे में 18 सितम्बर को उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप्र गवर्नमेंट द्वारा कारगर जोरदार पैरवी करने की मंशा जाहिर की गई है बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के लिए 276 मकान और दुकान का अधिग्रहण शासन द्वारा किया जाएगा इस मुद्दे में याचिकाकर्ता अनन्त शर्मा के अतिरिक्त जिला प्रशासन और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण अपना-अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे

पिछले वर्ष जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान हुए हादसे को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए अपार भीड़ के आगमन को देखते हुए बिहारी जी मंदिर का विंध्यवासिनी और काशी की भांति कॉरिडोर बनाने की मंशा व्यक्त की थी तभी से जिला प्रशासन के साथ उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण कॉरिडोर का खाका खींचने में लग गया था वृंदावन का गोस्वामी पक्ष कॉरिडोर निर्माण के पक्ष में नहीं है शासन की कॉरिडोर की प्रबल ख़्वाहिश देखते हुए गोस्वामी पक्ष ने उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया, इधर समाजसेवी अनन्त शर्मा भी उच्च न्यायालय पहुंच गये बीते कई माह से सुनवाई हो रही है

लखनऊ में रविवार को हुई हाई लेवल बैठक में सीएम ने प्रस्तावित कॉरिडोर की रूपरेखा की समीक्षा करते हुए बैठक में उपस्थित उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नगेन्द्र प्रताप, जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि उच्च न्यायालय में 18 सितम्बर को होने वाली सुनवाई में कॉरिडोर को लेकर कारगर पैरवी की जाए उन्होंने ये भी बोला कि मंदिर में भीड़ के कारण होने वाली घटनाओं के लिए कौन उत्तरदायी है, इसकी तह में जाना भी महत्वपूर्ण है उच्च न्यायालय के समक्ष इस बिंदु को अच्छी तरह से रखा जाए उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई में इस बार प्रदेश के चीफ स्टैडिंग कौसिंल गवर्नमेंट का पक्ष रखेंगे 1938 में निचली न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय से भी न्यायालय को अवगत कराया जायेगा

मंदिर में होने वाली घटनाओं की जानकारी देंगे
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ऑफिसरों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे उच्च न्यायालय में बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण में कारगर पैरवी करें उच्च न्यायालय में 18 सितम्बर को इस प्रकरण में सुनवाई होगी उसकी दौरान कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव शासन द्वारा रखा जाएगा उसके बाद तय होगा कि बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर किस प्रकार का बनेगा

500 करोड़ से अधिक होगी लागत
5.64 एकड़ में बनने वाले बांके बिहारी कॉरिडोर का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से होगा, जिसमें 149 आवासीय भवन, 66 व्यवसायिक भवन, 57 मिश्रत भवनों का अधिग्रहण होगा जमीन की मूल्य इससे अलग होगी

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