हरदोई में श्री महावीर झंडे मेले में आस्था का सैलाब मिला देखने को…
हरदोई के संडीला कस्बे में सैकड़ों साल प्राचीन पौराणिक और धार्मिक महत्व वाले श्री महावीर झंडे मेले में आस्था का सैलाब देखने को मिला है। भाद्रपद मास में निकलने वाले महावीर झंडे जुलूस में आसपास के जनपद ही नहीं कई प्रदेशों के भी झंडे जुलूस में शामिल हुए। इस ऐतिहासिक मेले ने कस्बे में साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की है।
गंगा जमुनी तहजीब को अपने आप में समेटे इस मेले में हिन्दू हो या मुसलमान हर कोई बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता है और एक दूसरे की सहायता करता है। बुधवार सुबह शीतला मन्दिर स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर से पूजा अर्चना के बाद दोपहर में झंडों की शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई जो शोरा कोठी होते हुए मुरारेश्वर मन्दिर पहुंची। शाम को दर्जनों झांकियों के साथ मुख्य मार्ग पर भारी सुरक्षा प्रबंध के बीच भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।
मुस्लिम समुदाय ने गंगा जमना तहज़ीब की मिसाल पेश करते हुए पूर्व सभासद लताफ़त अली, सभासद शमीम अहमद, पूर्व सभासद सरताज अली, पूर्व सभासद शकील नसीर अहमद मोहम्मद मूसा, अनीस अहमद, मोहम्मद इरफान, सच्चे मियां, राजू शिव दुलारे मौजूदगी में दर्जनों मुसलमान समुदाय के लोगो ने ईदगाह रोड पर तिराहे की मस्जिद के पास एवं छोटा चौराहा पर सभासद हसन मक्की ने झण्डा मेला कमेटी के अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री का माला पहनाकर स्वागत किया।
150 वर्ष पुराना इतिहास समेटे ये जुलूस
बताया जाता है कि करीब 150 साल पहले अंग्रेजो ने इस मंदिर पर लगने वाली भीड़ को रोका तो आस्था के नाम पर जिले भर के अनेक लोग इकठ्ठा हुए और सड़कों पर हनुमान जी का झंडा लेकर घरों से निकल पड़े। हिन्दुओं की आस्था पर प्रहार होते देख मुसलमान समुदाय भी उनके साथ उतर आया। सड़कों पर भीड़ इतनी अधिक हो गई की अंग्रेजों को संभालना कठिन हो गया।
हिन्दुओं ने अपनी आस्था से इसे जोड़ा तो क्षेत्रीय मुस्लिमों ने उनकी भरपूर सहायता की मेले मे आने वाले लोगो को उनके ठहरने का व्यवस्था और चंदे की प्रबंध मुसलमान समाज के लोगो ने किया। जिसके बाद से आज तक लोग इस परंपरा का निर्वहन करते चले आ रहे हैं। हनुमान जी के इस मंदिर में प्रत्येक साल मेले के दिन लाखों श्रद्धालु झंडे लेकर आते हैं और झंडा चढ़ाते हैं। लोगो का मानना है की यहां उनकी मुरादें पूरी होती हैं।
देश में सियासी दल अपने स्वार्थ के लिए एक दूसरे को लड़ाने से गुरेज नहीं करते, ऐसे में संडीला की सरजमीं पर लगने वाला ये धार्मिक मेला कौमी एकता की अनूठी मिसाल है। शोभा यात्रा के दौरान भारी पुलिस फ़ोर्स लगाई गई। एएसपी पश्चिमी दुर्गेश कुमार ने कहा कि सुरक्षा के लिए 3 सीओ, 12 एसओ, डेढ़ प्लाटून पीएसी,150 सिपाहियों के अलावा, होमगार्ड और स्त्री सुरक्षा कर्मी लगाए।