उत्तर प्रदेश

24 के रण में सपा-बसपा-कांग्रेस का ये सबसे बड़ा चैलेंज

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा का कारवां धीरे-धीरे तीसरे चरण में प्रवेश कर गया है. यह वही चरण है जो कभी सपाई और बसपाई गढ़ हुआ करता था, लेकिन साल 2014 में बीजेपी का ऐसा जादू चला कि साल 2019 में भी मतदाताओं के सिर चढ़ कर बोला. समाजवादी पार्टी और  बसपा के उम्मीदवारों को जिताने वाले मतदाता बीजेपी के साथ हो गए. स्थिति यह हुई कि समाजवादी पार्टी को अपने घर की सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा का यह चुनाव समाजवादी पार्टी और बीएसपी के लिए काफी चुनौती वाला है. यही वह चरण है, जिसमें समाजवादी पार्टी को अपने घर की सीटों पर जीत कर वापस पाने की चुनौती है. यह भी देखने वाला होगा कि भाजपाई असर को विपक्ष कितना तोड़ने में सफल हो पता है.

गढ़ भेदने में सफल रही भाजपा
संभल लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव 1998 और 1999 में चुनाव जीते. पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क जीते थे. समाजवादी पार्टी ने पहले उनको ही टिकट दिया था, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके विधायक पुत्र जियाउर्रहमान पर दांव लगाया है. बीएसपी ने भी मुसलमान उम्मीदवार उतारा है, तो बीजेपी ने परमेश्वर लाल सैनी को टिकट दिया है. यही वह सीट है, जहां से साल 2004 में प्रो रामगोपाल सांसद बने थे. फिरोजाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव साल 2009 और 2014 में चुनाव जीते, लेकिन 2019 में वह बीजेपी से हार गए. समाजवादी पार्टी के लिए यह दोनों सीटें काफी अहम मानी जा रही हैं.

मैनपुरी और बदायूं पर घर की प्रतिष्ठा
मैनपुरी सीट पर साल 2019 में समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव जीते थे. उनके मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी और मुलायम की बहू डिंपल यादव जीती. इस बार भी वह मैदान में हैं. बदायूं से मुलायम के भतीजे धर्मेंद्र यादव दो बार सांसद रह चुके हैं. यह सीट साल 1996 से लेकर 2014 तक समाजवादी पार्टी के पास थी. साल 2019 में धर्मेंद्र यादव स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य से हार गए. अखिलेश ने पहले धर्मेंद्र को टिकट दिया, बाद में चाचा शिवपाल को टिकट दिया अब उनके बेटे आदित्य यादव को उतारे जाने की चर्चा है. मैनपुरी में यादव 26 प्रतिशत बताए जाते हैं और बादयूं में यादव 17 और मुसलमान 14 फीसदी के आसपास हैं. वोटों का जातीय समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में भले हो पर उसके सामने परिवार की सीटें बचाए रखने की बड़ी चुनौती है.

भाजपा के लिए पुराना रिकार्ड दोहराने की चुनौती
भाजपा तीसरे चरण की 10 सीटों में आठ सीटों पर जीतने में सफल हुई थी. समाजवादी पार्टी केवल संभल और मैनपुरी ही जीत पाई थी. बीजेपी ने बदायूं से वर्तमान सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर क्षेत्रीय नेता दुर्विजय सिंह शाक्य, मैनपुरी से पिछला चुनाव हारे प्रेम सिंह शाक्य के जगह पर कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह और बरेली से संतोष गंगवार का टिकट काटकर छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है. यह देखने वाला होगा कि बीजेपी पुराना रिकार्ड दोहरा पाती है या नहीं.

दसों सीटों पर पिछली बार क्या रही स्थिति
सीट               जीती पार्टी

संभल             सपा
हाथरस            भाजपा
आगरा              भाजपा
फतेहपुर सीकरी    भाजपा
फिरोजाबाद          भाजपा
मैनपुरी               सपा
एटा                   भाजपा
बदायूं                भाजपा
आंवला               भाजपा
बरेली                 भाजपा

Related Articles

Back to top button