समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ प्रबंधन पर विशेष रूप से फोकस

समाजवादी पार्टी आनें वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ प्रबंधन पर विशेष रूप से फोकस करेगी. पार्टी परंपरागत वोटबैंक के साथ अति पिछड़ों और दलितों पर फोकस करेगी. स्त्रियों की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी. पार्टी के नेता जातीय जनगणना, उत्पीड़न को मामला बनाएंगे. पार्टी के फ्रंटल संगठन उच्च शिक्षा संस्थानों की फीस और भर्ती, छात्रसंघ चुनाव और स्वास्थ्य सुविधाओं की अनदेखी को मामला बनाएंगे. बूथ प्रबंधन में मैनपुरी मॉडल भी अपनाया जाएगा. इसके अनुसार एक कमेटी अलग से संबंधित लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक तापमान नापेगी. यह निर्णय कोलकाता में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया.
कार्यकारिणी की बैठक में ज्यादातर वक्ताओं ने अल्पसंख्यक वोटबैंक को सहेजे रखने पर जोर दिया. बोला कि उनमें विश्वास बनाए रखना होगा कि समाजवादी पार्टी ही उनके हितों की रक्षा कर सकती है. बैठक में प्रो रामगोपाल, शिवपाल सिंह यादव, लालजी सुमन, किरनमय नंदा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बूथ प्रबंधन पर जोर दिया. इन नेताओं ने बोला कि बूथ की कमेटी बहुस्तरीय होनी चाहिए. इसमें संबंधित बूथ की जनसंख्या से हिसाब से अलग- अलग जाति के कार्यकर्ताओं का चयन किया जाए. लेकिन, इस बात का ध्यान रखा जाए कि संबंधित बूथ पर किसी बिरादरी के दो चार परिवार हैं तो संबंधित बिरादरी का कार्यकर्ता भी कमेटी में होना चाहिए, ताकि वह अपनी बिरादरी के मतदाताओं को बूथ तक ला सके.
जहां हर जाति के लोग हैं, उसमें अति पिछड़ों एवं दलितों की भागीदारी बढ़ाई जाए. दलितों में यह सुनिश्चित किया जाए कि उनकी भिन्न-भिन्न जातियों के कार्यकर्ता बूथ में जरूरी रूप से रहें. लालजी सुमन ने इस बात पर बार-बार जोर दिया कि केवल पार्टी कार्यालय का चक्कर लगाने वालों को तवज्जो न देकर बूथ पर संघर्ष करने वालों को तवज्जो देनी होगी. इस पर अन्य नेताओं ने भी सहमति जताई. जया बच्चन, लीलावती कुशवाहा सहित अन्य स्त्री नेताओं ने जिला से लेकर बूथ स्तर पर सभी कमेटियों में स्त्रियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया. इसका प्रो रामगोपाल ने समर्थन किया. उन्होंने घोषणा किया कि स्त्रियों को हर हाल में सम्मान दिया जाएगा. स्त्री सभा की पदाधिकारियों को विभिन्न संयोजन समितियों के जरिए जोड़ा जाए. स्त्री सभा को पूरी तरह से एक्टिव किया जाए. वे लोगों के घरों में जाकर आधी जनसंख्या को पार्टी से जोड़ सकती हैं.
तय होगी जवाबदेही: कार्यकारिणी में सहमति बनी कि नेताओं की ज़िम्मेदारी प्रबंध को मुकम्मल किया जाएगा. जिन लोगों को किसी लोकसभा क्षेत्र या विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जाएगी, उससे वहां की पूरी प्रबंध की रिपोर्ट ली जाएगी. संबंधित क्षेत्र में जाने के बाद नेता ने क्या परिवर्तन किया और उसका क्या रिज़ल्ट रहा, इसकी समीक्षा की जाएगी. जो लोग पार्टी की आशा के अनुसार रिज़ल्ट नहीं देते हैं, उन्हें भविष्य में ऐसी जिम्मेदारी देने से बचा जाएगा.