सिर्फ आगरा ही नहीं यूपी के इस शहर का पेठा भी है बेहद खास
वैसे तो आपने बहुत सारी मिठाइयों का स्वाद चखा होगा। लेकिन जब नाम पेठे का आता है तो सबसे पहले ताज नगरी आगरा का नाम जहन में आ जाता है। आगरा का पेठा राष्ट्र भर में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जाता है। लेकिन शाहजहांपुर में भी पेठा बनाया जाता है। यहां का बना हुआ पेठा भी लोगों को खूब पसंद आता है। यहां के रहने वाले गोविंद गुप्ता अपने हाथों से पेठा तैयार करते हैं जो ग्राहक बड़े चाव के साथ का खाते हैं।
शाहजहांपुर के केरूगंज चौराहे पर स्थित शुभ दिया स्वीट्स नाम की दुकान है। यहां वैसे तो अनेक ढंग की मिठाइयां मिलती हैं। लेकिन यहां मिलने वाला पेठा बहुत खास है। दुकान के मालिक गोविंद गुप्ता ने कहा कि वह करीब आधा दर्जन ढंग का पेठा तैयार करते हैं जो कि लोगों को खूब पसंद आता है।
ऐसे तैयार होता है फ्लेवर्ड पेठा
गोविंद गुप्ता ने कहा कि वह सबसे पहले कच्चा पेठा शाहजहांपुर और आसपास के जिलों के किसानों से खरीदते हैं। आवश्यकता पड़ने पर वह नैनीताल से भी पेठा मंगवाते हैं जो बहुत अच्छी क्वालिटी का होता है। वह पेठा बनाने के लिए शुद्धता का का ध्यान रखते हैं। वह सबसे पहले पेठा को काटकर धोते हैं। साइज के हिसाब से पीस काट लेते हैं। कटे हुए पीस को चूने के पानी में दो घंटे के लिए भिगोकर रखते हैं। उसके बाद इसको साफ पानी से धोकर फ्लेवर्ड चासनी में डाल देते हैं। यह पूरा प्रोसेस करीब 6 से 7 घंटे का रहता है। इस दौरान वह करीब 1 क्विंटल पेठा तैयार कर लेते हैं।
फ्लेवर के हिसाब से तय होता है रेट
गोविंद गुप्ता अपने हाथों से कई फ्लेवर का पेठा तैयार करते हैं। जिनमें पान पेठा, गुलाब पेठा, खस पेठा, अंगूरी पेठा और केसर पेठा रहता है। इन सभी ढंग के पेठा के फ्लेवर के हिसाब से भिन्न-भिन्न दर हैं। उनके यहां 200 रुपए किलो से लेकर 240 रुपए किलो तक पेठा बेचा जाता है। सबसे अधिक डिमांड गुलाब पेठा और केसर पेठा की रहती है।
क्वालिटी का रखते हैं खास ख्याल
गोविंद गुप्ता ने कहा कि लोग पेठा तो बहुत स्थान खाते होंगे लेकिन उनके यहां का पेठा लोगों को खूब पसंद आता है। क्योंकि वह क्वालिटी का खास ध्यान रखते हैं। उनके यहां जो भी आइटम्स मिलते हैं वह स्वयं अपनी देखरेख में तैयार करते हैं। जिसकी वजह से लोग दूर-दूर से पेठा खरीदने के लिए आते हैं। होली के त्यौहार के मौके पर उनके यहां के पेठे की बहुत डिमांड रहती है। आसपास के जिलों के लोग भी यहां से पेठा खरीद कर ले जाते हैं