उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है : सीएम योगी

सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर भी मुख्यमंत्री योगी ने तंज कसा. उन्होंने बोला कि सपा और कांग्रेस पार्टी का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है. विपक्षी दलों के नेता रामभक्तों पर गोली चलाने वाले, श्रीराम के अस्तित्व को नकारने और मर्यादा प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाले लोग हैं. यह हिंदुस्तान की आस्था, हिंदुस्तान के देश नायकों का सम्मान कर सकें, आजादी के आंदोलन में सहयोग देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा का रेट रख सकें. इन लोगों से ऐसी आशा करना बेमानी है.

सीएम योगी ने बोला कि कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. यह लोग हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं. इनकी भावनाएं हिंदुओं और हिंदुस्तान की आस्था के विरोध में रहती है. इनका चरित्र तुष्टीकरण की नीति को पोषित करने वाला है. यह आतंकवाद समर्थक हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों के उल्टा आचरण करते रहे हैं. ऐसे लोगों से इससे अधिक आशा नहीं की जा सकती है, लेकिन यह लोग जान लें कि ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का मतलब- विनाश काले, उल्टा बुद्धि. इनका असली चरित्र जनता-जनार्दन समझ रही है.

उन्होंने आगे बोला कि कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन से जुड़े लोगों ने प्रारम्भ से कोशिश किया कि अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे में कोर्ट से निर्णय न आने पाए. यह लोग रामद्रोहियों का साथ देते रहे और बैरियर बनकर रोड़े अटकाते थे. जब मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में गया, तब सात-आठ सालों तक इन लोगों ने कुछ नहीं होने दिया पर जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र, फिर राज्य में बीजेपी की गवर्नमेंट बनी तो इस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ.

सीएम योगी ने बोला कि रामगोपाल यादव का बयान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के साथ इंडी गठबंधन की वास्तविकता को प्रदर्शित करता है. यह लोग वोट बैंक के लिए न सिर्फ़ हिंदुस्तान की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का काम कर रहे हैं. इतिहास गवाह है कि जिसने भी ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दी है, उसकी दुर्गति हुई है. रामगोपाल यादव का बयान सनातन आस्था के साथ खिलवाड़, कोटि-कोटि रामभक्तों का अपमान है. जिन लोगों ने पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित किया है, उनकी आस्था पर कुठाराघात है. भारतीय समाज इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता. इनका बयान चिढ़ाने वाला है. तुष्टीकरण की नीति पर चलकर वोट बैंक को बचाए रखने की कवायद की जा रही है.

 

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