उत्तर प्रदेश

लालू के दामाद तेज प्रताप यादव बने सपा उम्मीदवार, जानें बलिया से किसे मिला टिकट

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने को लग रहा कयास अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. सपा ने सोमवार को कन्नौज में अपना उम्मीदवार उतार दिया है. समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कन्नौज में लालू यादव के दामाद और अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. इसके अतिरिक्त बलिया से सनातन पांडेय को टिकट दिया है. दरअसल पिछले कई दिनों से कन्नौज में अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी. हालांकि इसको लेकर कभी स्वयं समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उनका यहां चुनाव लड़ने का इशारा जरूर हो रहा था. पार्टी के क्षेत्रीय नेता भी उन्हीं को प्रत्याशी बनाए जाने की बात कर रहे थे.

चार दिन पहले ही अखिलेश ने कन्नौज का किया था दौरा

बीते गुरुवार को अखिलेश यादव कन्नौज के दौरे पर थे. यहां समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से चुनाव तैयारियों की समीक्षा की. जब उनसे पूछा गया कि यहां से कौन प्रत्याशी होगा, तो उन्होंने बोला था, कन्नौज से साइकिल चुनाव चिन्ह है और मैं यहां उपस्थित हूं. इस तरह उन्होंने स्वयं के लड़ने का संकेत दे दिए थे. बताया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी एक खास रणनीति के अनुसार प्रत्याशी घोषणा में समय लगा रही है. पिछले दिनों जब अखिलेश यादव कन्नौज गए तो उन्होंने बोला था कि यह क्षेत्र तो हमारा घर है. इस क्षेत्र से उनके परिवार को दो दशकों से भी अधिक का रिश्ता रहा है वो कन्नौज को नहीं छोड़ सकते हैं. पर इसके बाद भी समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी की सूची में कन्नौज का नाम शामिल नहीं किया. इसी कारण अखिलेश के न लड़ने की सूरत में पूर्व सांसद तेज प्रताप को लड़ाने की बात भी चलती रहती है. तेज प्रताप को समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने दूसरे विकल्प के तौर पर रखा हुआ था.

2019 में बीजेपी से हार गई थीं डिंपल यादव

असल में कन्नौज लोकसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती है लेकिन पिछली बार समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गईं थीं. सुब्रत पाठक इस बार भी प्रत्याशी हैं. समाजवादी पार्टी कन्नौज सीट 1998 से 2014 तक जीतती रही है. यहां से समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया भी सांसद रहे. दिल्ली की सीएम बनने से पहले शीला दीक्षित भी यहां से सांसद रहीं. मुलायम सिंह यादव एक बार, अखिलेश यादव तीन बार और डिंपल यादव दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसमें उपचुनाव भी शामिल हैं

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