उत्तर प्रदेश

रूहेलखंड में BJP की चुनौती बनेगा विपक्ष

लखनऊ से बरेली तक का 250 किमी का यात्रा पहले की तरह अब हिचकोले भरा नहीं रहा है. सीतापुर में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने पर जाम की परेशानी से भी निजात मिल जाएगी, लेकिन यहां काम की अपेक्षित रफ्तार नहीं दिखी. सीतापुर के अरविंद शर्मा कहते हैं, लखनऊ से बरेली के बीच के चारों टोल बूथ तभी प्रारम्भ किए जाने चाहिए थे, जब सभी पुलों का निर्माण हो जाता. \

अगर यह शर्त होती तो सड़क का निर्माण भी जल्द पूरा हो गया होता. अलबत्ता, शाहजहांपुर में बाईपास के चालू हो जाने से इस हाईवे पर यात्रा का आनंद जरूर मिलता है. शाहजहांपुर के बाद बरेली की सीमा में प्रवेश किया तो नजारा बदला हुआ मिला. सड़कें चौड़ी थीं और पहले की अपेक्षा शहर के अंदर भारी गाड़ी काफी कम दिखे.

कैंटोनमेंट में लाल फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज बन जाने से आंवला और बदायूं जाना सरल हो गया है. हालांकि, रास्ता भटके तो चौपुला ओवरब्रिज से बदायूं जाना पड़ेगा, जो हर समय लगे रहने वाले जाम के कारण कम दुखदायी नहीं. पीलीभीत बाईपास रोड से कटकर जैसे ही रूहेलखंड विवि के पीछे रामगंगा नगर पहुंचे, तो बरेली शहर सुनियोजित विकास की गवाही देते हुए मिला. पिछले 3-4 सालों में यहां काफी काम हुए हैं.

 

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