उत्तर प्रदेश

रायबरेली के रण में गूंजते नारों के बीच बनते-बिगड़ते रहे समीकरण

चुनावी मैदान में नारों की अहम किरदार रही है. कभी नारे इतने लोकप्रिय होते थे कि बच्चा पार्टी गली-गली में उनका शोर करती थी. हाथ में बिल्ला और झंडी लेकर बच्चों की टुकड़ी नारे लगाकर चुनावी रंग का अहसास कराती थी. चुनावी नारों का रायबरेली लोकसभा सीट पर जमकर जादू चला है. कुछ ऐसे नारे हैं जो आज भी रायबरेली की चुनावी रंगत में रम जाते हैं. रायबरेली लोकसभा सीट पर सबसे पहला लोकप्रिय नारा सन 1971 के आम चुनाव में गरीबी हटाओ रहा. इस नारे की गूंज गली-गली तक रही और इंदिरा गांधी को लोगों ने हाथों हाथ लिया था. असल में 1967 में जब इंदिरा गांधी चुनाव मैदान में उतरीं तो उस दौरान कांग्रेस पार्टी का नारा गवर्नमेंट बनाना खेल नहीं, इस दीपक में ऑयल नहीं रायबरेली में खूब गूंजा था, लेकिन 1971 में गरीबी हटाओ नारा के स्लोगन के साथ इंदिरा गांधी की तस्वीर ने लोगों से भावनात्मक रिश्ता कायम करने में कामयाबी हासिल कर ली.

गरीबी हटाओ नारे ने खूब लोकप्रियता हासिल की 

 

आम लोगों के दिल को छूने वाला यही नारा एक बड़ा मामला बन गया. चुनाव प्रचार के दौरान इंदिरा गांधी लोगों से कहती थीं कि वह कहते हैं कि इंदिरा हटाओ, हम कहते हैं गरीबी हटाओ. इसी पर इंदिरा के समर्थन में एक और नारा लोकप्रिय हुआ…जात पर न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर.

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बेटा कार बनाता है, मां बेकार बनाती…खूब गूंजा

 

– सन 1977 के आम चुनाव में बेटा कार बनाता है, मां बेकार बनाती…. नारा खूब गूंजा था. बीकेडी के प्रत्याशी राज नारायण ने मंच से इस नारे को लेकर इंदिरा गांधी पर कटाक्ष किया था. इसी चुनाव में संपूर्ण क्रांति और इंदिरा हटाओ, राष्ट्र बचाओ का नारा भी गूंजता रहा. सन 1977 की ललकार, गांव-गांव जनता पार्टी की गवर्नमेंट का नारा भी रायबरेली की जुबां पर रहा. कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में गाय-बछड़े की जोड़ी को दो वोट, विकास कराओ भरपूर का नारा दिया.

इंदिरा की बात पर मुहर लगेगी हाथ पर ने बटोरी सुर्खियां

 

– 1980 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा हो गया और कांग्रेस पार्टी का नाम कांग्रेस पार्टी (ई). इस दौरान गढ़ा गया नारा इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर बहुत लोकप्रिय हुआ. वहीं लोकसभा चुनाव 1984 में इंदिरा गांधी की मर्डर के बाद जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा जैसे नारे ने पूरी रायबरेली में कांग्रेस पार्टी के प्रति सहानुभूति की लहर पैदा कर दी.

 

राजा नहीं फकीर है, राष्ट्र की तकदीर है

 

– सन 1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल ने पहली बार रायबरेली में प्रत्याशी उतारा और राजा नहीं फकीर है, राष्ट्र की तकदीर है… और मैं समय हूं जैसे नारे गूंजते रहे. हालांकि चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की थी, लेकिन जनता दल का नारा खूब लोकप्रिय हुआ.

राजतिलक की करो तैयारी आ रहे अटल बिहारी

 

– 1996 और 1998 में रायबरेली के चुनावी मैदान में राजतिलक की करो तैयारी आ रहे अटल बिहारी को खूब लोकप्रियता मिली.

 

– नतीजा यह रहा कि बीजेपी प्रत्याशी अशोक सिंह दो बार सांसद बने. इसी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने धरतीपुत्र मुलायम सिंह तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं भी गूंजा. समाजवादी पार्टी इन दोनों चुनावों में दूसरे जगह पर रही.

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