यूपी के इस शख्स ने नहीं खरीदी 30 साल में बाजार से सब्जियां, जानें क्यों…
लखनऊ: टमाटर के रेट इन दिनों दिन रोजाना बढ़ते जा रहे हैं। लखनऊ के बाजारों में इन दिनों टमाटर 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है। लोगों की थालियों से टमाटर एक बार फिर गायब होता हुआ नजर आ रहा है। लोग टमाटर को खरीदने से पहले 100 बार सोच रहे हैं। तो वहीं एक ऐसा शख्स है जिसे टमाटर के बढ़ते हुए रेट से कोई फर्क नहीं पड़ता।
यह बंदा 100 किलो टमाटर का मालिक है और एक दिन में 20 किलो टमाटर तोड़कर स्वयं भी खा रहा है और लोगों को भी खिला रहा है और वो भी निःशुल्क में, आपको सुनकर आश्चर्य हो रही होगी कि महंगाई के जमाने में किसके पास इतना टमाटर है और जो निःशुल्क में लोगों को बांट रहा है।
वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ के नाम से हैं मशहूर
दरअसल, यह आदमी कोई और नहीं बल्कि वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ के नाम से प्रसिद्ध विनोद कुमार पांडेय हैं जिन्होंने अपनी छत को खेती बना रखा है और उनके यहां वर्तमान में 100 किलो टमाटर उग चुका है। अभी वो 30 किलो से अधिक टमाटर तोड़ चुके हैं जबकि अभी भी 60 से 70 किलो टमाटर उनके यहां छत, बालकनी, घर के आंगन और बाहर के पार्क में लगे हुए हैं।
30 वर्ष से नहीं खरीदी सब्जियां
पांडेय जी का घर लखनऊ में आकर्षण का केंद्र बन गया है। इनका घर लखनऊ के गोमती नगर के विनय खंड एक में पंचवटी पार्क के ठीक सामने है। पांडेय जी से जब टमाटर की खेती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन से ही घर पर खेती करने का शौक था, इसीलिए छत, पार्क, बालकनी और आंगन में भिन्न-भिन्न सब्जियां उगाने लगे। अब पहली बार ऐसा हो रहा है जब बड़ी मात्रा में घर में ही सब्जियों की पैदावार हो रही है। वह निजी सेक्टर में जॉब करते हैं, इसीलिए सब्जियों का व्यापार करना महत्वपूर्ण नहीं समझते। हालांकि छत पर सब्जियों की खेती का असर ये है कि पिछले 30 वर्षों से मैने सब्जियां नहीं खरीदी क्योंकि घर में ही सारी सब्जियां उग जाती हैं। जिन्हें मैं स्वयं भी खाता हूं और अपने परिवार, सम्बन्धी और पड़ोसियों को भी खूब सब्जियां देता हूं।
इस कारण होती है अच्छी पैदावार
विनोद कुमार पांडेय लोगों को घर में सब्जियां कैसे उगा सकते हैं जिससे उनकी पैदावार अच्छी हो इसको लेकर भी जागरुक कर रहे हैं। इनको देखकर दूसरे लोग घरों में अपने यहां भी खेती करने लगे हैं। विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि उनके यहां सब्जियां अच्छी होने की प्रमुख वजह यह है कि वह जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं। किचन वेस्ट का इस्तेमाल करते हैं और कीटनाशक की स्थान नीम का ऑयल इस्तेमाल करते हैं और सुबह-शाम इनकी देखरेख करते हैं, इस वजह से पैदावार अच्छी होती है।