उत्तर प्रदेश

बदायूं सीट पर विवाद के बीच शिवपाल यादव ने कही ये बात

लखनऊ . सपा (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव का बोलना है कि हमारे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा अनावश्यक रूप से टकराव पैदा किया जा रहा है. यह पार्टी और जनता को तय करना है कि बदायूं सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा. मुझे उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है और जब तक पार्टी अपना मन नहीं बदलती, मैं इस सीट से चुनाव लड़ रहा हूं.

बदायूं सीट को लेकर अपने और अपने बेटे आदित्य यादव के बीच ‘खींचतान’ की खबरों से परेशान शिवपाल ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, ”हमारे लिए हर सीट पारिवारिक सीट है, चाहे वह बदायूं हो, आजमगढ़ हो, मैनपुरी हो या कन्नौज हो. किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं है. कुछ लोग चाहते थे कि आदित्य बदायूं से चुनाव लड़े और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को एक पत्र भेजा था जिसके बाद अटकलें प्रारम्भ हो गईं.

पूर्व सांसद सलीम शेरवानी और पूर्व विधायक आबिद रजा जैसे वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद शिवपाल यादव ने उन चर्चाओं का जोरदार खंडन किया कि बदायूं अब परिवार के लिए ‘सुरक्षित’ नहीं है.

उन्होंने कहा, “मेरे उन दोनों के साथ बहुत अच्छे पर्सनल संबंध हैं और मुझे उनके समर्थन का भरोसा है. इनमें से कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है और वे हमारे साथ रहेंगे.

ऐसे खबरें सामने आईं कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव बदायूं में शिवपाल के लिए प्रचार करने के इच्छुक नहीं थे. इस पर उन्होंने कहा, “हमने उनके लिए कम से कम दो सार्वजनिक सभाओं की योजना बनाई है. एक बदायूं और दूसरा गुन्नौर में होगा. दोनों बैठकों का कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा अपनी अन्य व्यस्तताओं के अनुरूप तय किया जाएगा.

उन्होंने बोला कि फिरोजाबाद से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) के अध्यक्ष के रूप में मैंने 2019 का लोकसभा चुनाव बहुत कठिन समय में लड़ा था. पारिवारिक कलह अपने चरम पर थी. यह पिच मेरे लिए नयी नहीं है.

शिवपाल यादव ने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह को याद करते हुए कहा, “यह पहला लोकसभा चुनाव होगा जब ‘नेताजी’ नहीं होंगे. उनकी मौजूदगी को पूरा परिवार, पार्टी कार्यकर्ता और लोग मिस कर रहे हैं. हालांकि, इससे विभाजनकारी ताकतों के विरुद्ध लड़ने, उनके मूल्यों और विचारधारा को बनाए रखने का हमारा संकल्प भी मजबूत हुआ है.

पिछले महीने मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी. उनके परिवार से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की यात्रा पर टकराव पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, शिवपाल ने कहा, “मुख्तार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वह एक प्रतिष्ठित परिवार से थे और हम उन्हें सालों से जानते हैं. परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने में क्या गलत है? यह शर्मनाक है कि कैसे कुछ लोग मृतकों का सम्मान करना भी नहीं जानते.

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