उत्तर प्रदेश

बकाया चालान पर 15 तरह के आवेदन अटके, अफसर दे रहे ये दलील

गवर्नमेंट ने एक साल पहले जनवरी 2017 से दिसंबर 2021 के बीच हुए चालान माफ कर दिए थे, लेकिन अफसरों की ढिलाई के चलते उन्हें चालान माफी के लिए विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. चालान माफी का आदेश है, लेकिन परिवहन अधिकारी न्यायालय के नाम पर टरका रहे है जबकि परिवहन अफसरों को न्यायालय से चालान का ब्योरा मंगाकर अपने सॉफ्टवेयर से चालान डिलीट करना था. अफसरों की ढिलाई से यह काम लंबित है. हाल यह है कि अब गाड़ी स्वामियों से ही बोला जा रहा है कि जिस जिले में चालान कटा था उस जिले की न्यायालय से चालान माफी का आदेश लेकर आएं.

विभागों को न्यायालय से मंगानी थी चालान माफी की सूची: जनवरी 2023 में प्रदेश गवर्नमेंट ने चालान माफी की थी. मार्च 2023 में शासन ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद परिवहन आयुक्त चंद भूषण सिंह ने जून 2023 में सभी आरटीओ और एआरटीओ को चिट्टी भेजी थी. इसमें संबंधित कोर्ट से चालान माफी की सूची मंगाकर विभागीय सॉफ्टवेयर में ई-चालान को डिलीट करने के लिए था. अफसरों ने यह काम एक साल बाद भी नहीं किया. माफी के बाद चालान छुड़ाने जाना होगा कोर्ट: अफसरों ने कहा कि चालान माफी के बाद न्यायालय ने सूची संबंधित विभाग को मौजूद नहीं कराई. इसलिए विभाग स्वयं से चालान माफ नहीं कर सकते हैं. इसलिए गाड़ी मालिक को उस जिले के न्यायालय में जाना होगा, जिस जनपद में ई-चालान कटा होगा. वहां न्यायालय से चालान माफी रसीद लाने के बाद अधिकारी सॉफ्टवेयर पर चालान डिलीट करेंगे.

बकाया चालान पर 15 तरह के आवेदन अटके: अगर आपके गाड़ी पर चालान बकाया है तो आप गाड़ी संबंधी 15 तरह के आवेदन नहीं कर पाएंगे. लखनऊ में ऐसे करीब सवा लाख गाड़ी स्वामी होंगे, जिनके ऊपर चालान माफी के बाद बकाया दिख रहा है. ऐसे गाड़ी मालिक आरटीओ कार्यालय से लेकर पुलिस और ट्रैफिक विभाग के चक्कर लगा रहे है.

500 से 2000 स्वयं जमा कर दे रहे चालान: कई गाड़ी मालिक ऐसे भी आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे है, जिनके चालान तो माफ हो गए है. लेकिन न्यायालय से ब्योरा नहीं आने पर चालान माफ नहीं किया गया है. 500 से 2000 तक चालान बकाये पर गाड़ी स्वामी स्वयं जमा कर दे रहे हैं.

एडवोकेट उमाशंकर पांडेय ने कहा कि चालान माफी पर अब भी गाड़ी मालिकों में असमंजस की स्थिति है. गवर्नमेंट ने चालान माफ किया. सभी न्यायालय में है. उत्तरदायी विभाग को चालान माफ होने की सूचना मालिक को देनी चाहिए. लोग कोर्ट, विभाग के चक्कर काट रहे हैं.

लखनऊ के डीसीपी ट्रैफिक सलमानताज पाटिल ने कहा कि न्यायालय की ओर से चालान माफी की कोई सूची मौजूद नहीं कराई गई है. विभागीय पेशकार को भेजकर सूची मंगाई जाएगी. इसके बाद बकाया ई-चालान को ट्रैफिक विभाग के सॉफ्टवेयर से हटा दिया जाएगा.

लखनऊ आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने कहा कि पूर्व में जो चालान न्यायालय भेजे गए और बाद में चालान माफ किए गए. ऐसे चालानों की सूची न्यायालय भेजेगा तभी ई-चालान माफ होंगे. ऐसी स्थिति में स्वामी को न्यायालय जाकर चालान माफी की रसीद दिखाकर ई चालान डिलीट कर सकते है.

Related Articles

Back to top button