उत्तर प्रदेश

प्रोफेसर-वकील और ठेकेदार, सबके लिए मुद्दा बना राम मंदिर

राम मंदिर बहुत बड़ा मामला है. राम मंदिर बन गया है. इसी आधार पर हम वोट करेंगे. यहां क्षेत्रीय कोई मामला ही नहीं है. जमुई से झाझा के बीच 40 की गति से दौड़ती पैसेंजर ट्रेन में यह बात रामाशीष प्रसाद सिंह ने कही, जब उनसे मीडिया ने प्रश्न किया कि चुनाव में क्या है मामला और किसी वोट देंगे?

गया जंक्शन पर अलग ही बात चली. भाजपा समर्थक अशोक मालाकार और महागठबंधन समर्थक राजेश पासवान के बीच बहस होने लगी.

अशोक मालाकार ने बोला कि इतना बढ़िया बदलाव हुआ. अब 10 हजार तनख्वाह मिल रही है. पहले पांच हजार मिलता था. गरीब आदमी को भी अनाज फ्री मिल रहा है. इस पर राजेश पासवान खड़े हो गए, कहा- केवल अनाज से हो जाएगा, दाल-सब्जी सब चाहिए. कांग्रेस पार्टी के समय तो सब कुछ सस्ता था.

बिहार में पहले फेज में 4 सीटें जमुई, गया, नवादा और औरंगाबाद में 19 को वोटिंग है. इसके पहले इन सीटों पर वोटर्स क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए मीडिया के दो टीमों ने ट्रेन और बस में यात्रा किया. जंक्शन और बस स्टैंड पर चुनाव को लेकर चल रही बहस को सुना. इसमें राम मंदिर और मोदी बड़े फैक्टर निकलकर सामने आए तो महंगाई और बेरोजगारी पर लोगों ने मोदी को कोसा भी.

जमुई से झाझा की ट्रेन में रिपोर्टर अमित जायसवाल की रिपोर्ट

सुबह के 7 बज रहे हैं. मोकामा से देवघर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन 03572 जमुई स्टेशन पर खड़ी होती है. मीडिया की टीम इस ट्रेन के सबसे अंतिम डिब्बे में सवार हुई. हमें विंडो साइड बैठे हुए चिकित्सक रविशंकर मिले. जो जमुई के ही केकेएम कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ये कहते हैं – ‘जमुई में शिक्षा की स्थिति बहुत खराब है. नरेंद्र मोदी अच्छा काम कर रहे हैं. पर जमुई में शिक्षा प्रबंध पर ध्यान देना होगा. ट्रेन में आप भीड़भाड़ देख रहे हैं. जमुई से कहीं भी जाइए, बहुत कठिनाई होती है. रात में 8 बजे के बाद आप जमुई स्टेशन पर उतरिए तो कहीं जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिलती है. शिक्षा और अव्यवस्था के साथ करप्शन इस तरह से समाया हुआ है कि छोटे-छोटे काम के लिए रुपए देना पड़ता है.

डॉक्टर रविशंकर भी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का बनना राष्ट्र की उपलब्धि है. लेकिन इससे जीवन के रोजमर्रा की समस्याएं दूर नहीं हो सकती हैं.

टीम चलती ट्रेन में अंदर ही अंदर तीसरे डिब्बे में पहुंची. यहां हमें जमुई में ही कंप्यूटर एजुकेशन का इंस्टीट्यूट चलाने वाले संजीव कुमार मिले. इनकी नजर में सड़क, रोजगार, पानी की परेशानी को इस चुनाव में मुख्य मामला होना चाहिए. ये कहते हैं कि आम आदमी से जुड़े इन मुद्दों पर बल नहीं देकर लोग ऊपर-ऊपर बात करके ही निकल जा रहे हैं.

इस लोकसभा चुनाव में क्या सियासी दल क्षेत्रीय मुद्दों को उठा रहे हैं? इस प्रश्न के उत्तर में संजीव कहते हैं कि लोकसभा का चुनाव है. इसलिए क्षेत्रीय मुद्दों पर जोड़ नहीं दे रहे हैं. रहने-खाने के लिए आम आदमी से जुड़े मद्दे तो चुनाव में उठाए तो जाने ही चाहिए. पिछले 10 वर्षों में ऐसा नहीं है कि बतौर सांसद चिराग पासवान ने काम नहीं किया. पर चकाई से एक रेल मार्ग का एक्सटेंशन होना था. वो धरातल पर आया नहीं है. जहां तक बात राम मंदिर की है तो वो हिन्दुओं के आस्था का चीज है. हिन्दुस्तान के अतिरिक्त हिन्दू और कहीं हैं नहीं. पाक में जाकर तो बोल नहीं सकते हैं. अपने ही राष्ट्र में राम मंदिर बनाने के लिए 500 वर्ष लग गया. इसलिए इसे भी मामला बना सकते हैं.

इनके बगल में ही यात्रा कर रहे जमुई के ही रहने वाले ठेकेदार मंटू कुमार शर्मा कहते हैं- ‘हमारे नजर में मामला क्या रहेगा. केंद्र में नरेंद्र मोदी की गवर्नमेंट तो बढ़िया काम कर रही है. केंद्र में तो उन्हीं की गवर्नमेंट रहनी चाहिए. बिहार में जो चल रहा है, वो चलता रहे. मगर, केंद्र की गद्दी पर मोदी जी को ही रहना चाहिए.

तीन कोच आगे बढ़ने पर हमें सरकारी जॉब करने वाले राकेश कुमार मिले. इनके मुताबिक बेरोजगारी सबसे बड़ा मामला है. शिक्षित और अशिक्षित युवा बेरोजगारी की वजह से बहुत त्रस्त हैं. उन्होंने कहा- पीएम मोदी बोलते तो हैं, पर इनके लिए करते कुछ नहीं हैं. हम तो सरकारी जॉब करते हैं. जो सैलरी मिलती है, उससे हमारा और हमारे परिवार का पेट भर जाएगा. लेकिन, किसानों और श्रमिकों का क्या होगा.

जमुई के मजदूर 80 किलोमीटर दूर झारखंड के देवघर काम करने जाते है. उसमें उन्हें 300 रुपया मजदूरी मिलता है. इसमें 100 रुपया वो खाने में चला जाता है. अब 200 रुपया लेकर वो घर आएंगे तो उसमें क्या परिवार चलाएंगे? ऐसे में क्या विकास होगा?

करीब 40 मिनट की यात्रा करते हुए 7:40 में ट्रेन झाझा स्टेशन पहुंच गई थी. हालांकि, ट्रेन से उतरने के पहले अंतिम में हमें रेलवे कर्मचारी उत्तम कुमार मिले. जो जमुई के ही रहने वाले हैं. जमुई में इस बार के चुनावी मामले पर टीम ने उनसे भी बात की. इन्होंने बोला कि चिराग पासवान को दो बार जनता ने चुन कर संसद में भेजा.

उन्हें संसद में जमुई की आवाज को उठाने के लिए भेजा गया था. जिस आशा से यहां के लोगों ने उन्हें भेजा, मेरी समझ से उस पर वो 100 फीसदी तक खरे नहीं उतर पाए. बेरोजगारी अभी के समय में सबसे बड़ा मामला है. सियासी पार्टियों ने राष्ट्र के लोगों को धर्म और मंदिर के नाम पर घोल दिया है. इसलिए वो बेरोजगारी को मामला नहीं बना पा रहे हैं. धर्म तो रोजगार के बाद ही है न. पैसे रहेंगे तभी अगरबत्ती जलाएंगे हम.

गया से टेकारी बस से रिपोर्टर प्रणय प्रियंवद की रिपोर्ट

गया से टेकारी के लिए बस खुली तो मीडिया रिपोर्टर भी बस पर चढ़ गए. बस चलती रही और हम लोगों से बातें करते रहे. लोकसभा चुनाव के प्रश्न पर कुछ बोलने को तैयार तो कुछ चुप.

एक वोटर ने बोला कि नेता कहकर जाते हैं, लेकिन करते नहीं हैं. जो काम करेगा उसी को वोट देंगे. एक अन्य बुजुर्ग मुरारी लाल गौतम कहते हैं कि अबकी महागठबंधन को वोट पड़ेगा. विकास पर वोट देंगे, हम राज्य का विकास चाहते हैं. गया में कुछ विकास नहीं हुआ है, जीरो है. जो विकास का काम करेंगे उसको वोट देंगे. हम लोग नरेंद्र मोदी को ही जानते हैं. विकास वही करते हैं.

रामानंद कहते हैं कि गया में भी विकास हुआ है, नहीं कैसे हुआ है. राम मंदिर को ही देखकर नहीं बल्कि बहुत कुछ देखकर उनको वोट करेंगे. हर चीज में परिवर्तन हो रहा है, राज्य मार्ग से लेकर शिक्षा में भी परिवर्तन हो रहा है. मैं पूरे राष्ट्र को देखकर वोट दूंगा. एक बुजुर्ग कहते हैं कि हम जात-पात नहीं नहीं जानते हैं केवल काम जानते हैं. धर्मेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि विकास का लक्ष्य पीएम नरेन्द्र मोदी ने पूरा किया है इसलिए उन्हें ही वोट देंगे.

गया जंक्शन पर तेज बहस
हमें गया जक्शन के पास कुछ ड्राइवर और अन्य लोग मिले. चुनावी बहस जारी थी. भाजपा समर्थक अशोक मालाकार और महागठबंधन समर्थक राजेश पासवान के बीच बहस तेज दिखी.अशोक मालाकार ने बोला कि इतना बढ़िया बदलाव हुआ. अब 10 हजार सैलेरी मिल रही है. चार बेटा है 10-10 हजार का मोबाइल रखे हुए है, मोटरसाइकिल रखे हुए है. पहले पांच हजार मिलता था. गरीब आदमी को भी अनाज फ्री मिल रहा है. नरेन्द्र मोदी के इस समर्थक के सामने महागठबंधन के समर्थक राजेश पासवान खड़े हो गए, कहा- केवल अनाज से हो जाएगा, दाल-सब्जी सब चाहिए. कांग्रेस पार्टी के समय तो सब कुछ सस्ता था.

बीजेपी समर्थक अशोक मालाकार ने बोला भाजपा के राज में तीन तल्ला मकान बना लिया. घर में समरसेमल लगाए. गया में पहले कितने शो रूम थे. बताओ….बताओ…. उत्तर मिला हां….पहले सब चीज सस्ता था… सब चीज सस्ता…..

 

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