उत्तर प्रदेश

तबादले के तीन सप्ताह बाद भी पुराने जिलों में ही जमे हैं कई कर्मचारी

शासन स्तर से स्थानांतरण होने के बाद भी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) में दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी पुराने जिलों में ही जमे हैं. इनमें चपरासी से लेकर डीपीओ तक शामिल हैं. इन कर्मियों पर निदेशक आईसीडीएस सरनीत कौर ब्रोका के उस आदेश का भी असर नहीं दिखा, जिसमें उन्होंने ऐसे कर्मियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं.

तबादलों के दौरान निदेशक आईसीडीएस ने प्रधान सहायक और कनिष्ठ सहायकों के साथ ही 15-20 वर्ष से मुख्यालय में जमें कई कर्मचारियों को पहली बार हटाया है. ऐसे ही एक जिले में सालों से तैनात कर्मियों को स्थानांतरित किया गया है पर स्थिति यह है कि स्थानांतरण आदेश जारी होने के करीब तीन हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन दो दर्जन ऑफिसरों और कर्मचारियों ने नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है.

इनमें डीपीओ, सीडीपीओ, प्रधान और कनिष्ठ सहायकों के अतिरिक्त कुछ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल हैं. निदेशक ने कार्यभार ग्रहण न करने प्रवृत्ति को अनुसाशनहीनता मानते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. इसके बावजूद अनेक कर्मी अपना स्थानांतरण रद्द कराने या स्वयं को संबद्ध कराने के लिए ऊपर तक दौड़ लगा रहे हैं.

ये अधिकारी और कर्मचारी नहीं हुए कार्यमुक्त

डीपीओ : आभा फिरोजाबाद से चित्रकूट और मनोज कुमार चित्रकूट से बरेली.

सीडीपीओ : देवेन्द्र निरंजन झांसी से बांदा, कपिल शर्मा जालौन से कन्नौज, प्रवीण विश्वकर्मा अमेठी से बदायूं और ओमप्रकाश विमल रामपुर से बदायूं.

मुख्य सेविका : रेनू शुक्ला लखनऊ से रायबरेली, शशिकांत उन्नाव से कन्नौज, मीना देवी बाराबंकी से बांदा, अर्चना वर्मा और सुमन वर्मा हरदोई से कन्नौज, सविता देवी मुरादाबाद से बागपत, अनीता यादव हापुड़ से हाथरस, अनीता गौतम बाराबंकी से हरदोई, निरुपमा लखनऊ से बलरामपुर, सुषमा मिश्रा लखनऊ से उन्नाव और मंजू वर्मा बाराबंकी से बांदा.

प्रधान सहायक : रामसूरत प्रयागराज से बांदा, ओमप्रकाश फर्रुखाबाद से कासगंज और अंकिता त्रिपाठी मुख्यालय से बाराबंकी.

चतुर्थ श्रेणी : राजाराम (चालक) मुख्यालय से सोनभद्र, विजय गुप्ता मैनपुरी से सोनभद्र और सुभाष यादव निदेशालय से बहराइच.

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