उत्तर प्रदेश

खांसी में रामबाण औषधि का काम करता है यह पौधा

मुरादाबाद: अक्सर देखा जाता है कि हमारे आसपास बहुत सारे पेड़ पौधे होते हैं लेकिन हमें उन पेड़ पौधों की जानकारी नहीं होती है बहुत से पेड़ पौधे ऐसे होते हैं जो औषधि के रूप में भी काफी कारागर माने जाते हैं जिनका सेवन करने से हमारे शरीर की कई प्रकार की रोंगों को दूर किया जा सकता है तो वहीं उन्हीं में से एक है कचनार का वृक्ष इसमें औषधीय गुणों के भंडार होते हैं यह छय रोग, खांसी में रामबाण औषधि का काम करता है इसके साथ ही इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट भी भारी मात्रा में पाए जाते हैं

हिंदू कॉलेज यूनिवर्सिटी के वनस्पति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनाद चिकित्सक अमित वैश्य ने कहा कि कचनार का वानस्पतिक नाम बोहेनिया वैराईगेटा है यह फैबैसी कुल का सदस्य है  इसकी जो पत्तियां  ऊपर से कटी हुई होती हैं ऐसा लगता है कि दो पत्तियों को आपस में जोड़ दिया गया हो कचनार की जो कालिया होती हैं, उनका साग के रूप में सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके साथ ही हिंदुस्तान के लोकप्रिय गीतों में भी कचनार का नाम कई बार सुना गया है मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में एक गीत बना था जो आपने सुना होगा कच्ची कली कचनार की, वह भी इस पौधे के ऊपर फिल्माया गया है इस पौधे की दो वैरायटी यहां पर देखने को मिलती है एक पर सफेद कलर की पुष्प कालिकाएं आती हैं दूसरे पर लाल रंग की पुष्प आते हैं

सेहत के लिए काफी फायदेमंद

इसके औषधीय महत्त्व की बात करें तो इसका रक्त विकारों में इस्तेमाल किया जाता है साथ ही साथ छय रोग, खांसी और  श्वेत प्रदर में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है इसमें विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसमें  एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है यह  पेट की रोंगों में भी यह रामबाण औषधि का काम करता है कचनार के फूल और पत्तियों के साथ-साथ छाल भी औषधि का काम करती है यह  जोड़ों के दर्द, गठिया में उपयोगी होती है , साथ ही शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली गांठ को गलाने का दम रखती है कचनार का इस्तेमाल कई ढंग से किया जा सकता है चिकित्सक ने कहा कि इसका सेवन करने से पहले आपको किसी एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए

 

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