उत्तर प्रदेश

इटावा में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम किया गया आयोजित

इटावा में नमामि गंगे के भीतर तरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. सामाजिक वानिकी प्रभाग एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति इटावा के संयुक्त तत्वावधान में सरस्वती इंटर कॉलेज मोतीझील में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया.

प्रधानाचार्य शोभाराम तिवारी ने बोला कि आज हमने प्रकृति में उपस्थित उन चीजों का दोहन कर लिया है जो पहले प्रचुर मात्रा में मौजूद थीं. इसलिए इन प्राकृतिक चीज़ों को संरक्षित करने की आवश्यकता है. दूसरी चीज़ों के अतिरिक्त जैव विविधता के संरक्षण की भी गंभीर आवश्यकता है.

जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे संजीव चौहान ने कहा कि जैव विविधता की दृष्टि से 17 वृहद विविधतापूर्ण (मेगा डाइवर्सिटी) राष्ट्र में से एक है विश्व में 2.4% भू-क्षेत्र वाला हिंदुस्तान अंतरराष्ट्रीय प्रजातियों में से लगभग 7.5% का अगुवाई करता है. धरती के चार करोड़ सालों के विकास क्रम में वैज्ञानिकों द्वारा अब तक लगभग 16 लाख प्रजातियों की पहचान की जा सकी है और अधिकतर प्रजातियों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है.

एक विलुप्त प्रजाति जीवन करती है प्रभावित
उप क्षेत्रीय वन अधिकारी शिव प्रसाद ने बोला कि जैव-विविधता पारितंत्र को स्थिरता प्रदान कर पारिस्थितिक संतुलन को बरकरार रखती है. पौधे और जन्तु एक दूसरे से खाद्य शृंखला तथा खाद्य जाल द्वारा जुड़े होते हैं. एक प्रजाति की विलुप्ति दूसरे के जीवन को प्रभावित करती है. इस प्रकार पारितंत्र कमजोर हो जाता है. पर्यावरण मित्र शैलेश कुमार ने कहा कि 22 मई को जैव विविधता के मुद्दों से संबंधित समझ बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त देश द्वारा जैव-विविधता पर तरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया गया है. उप क्षेत्रीय वन अधिकारी शिव कुमार एवं अरविंद त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम को सफल बनाने में अक्षरा सिंह, अर्चना, शांति चौहान ताबिश अहमद, अनिल चौहान, अरुण शर्मा, संतोष यादव, रुद्र प्रताप सिंह और अनुज तिवारी का गौरतलब सहयोग रहा.

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