उत्तर प्रदेश

आजम खां से जुड़े एक और केस में 29 मई को आ सकता है फैसला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां से जुड़े शहर के चर्चित डूंगरपुर प्रकरण में एक और पत्रावली फैसला के लिए लग गई है. आखिरी अवसर दिए जाने के बावजूद शुक्रवार को बचाव पक्ष की ओर से बहस नहीं की गई, बल्कि स्थगन प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया गया. इसे न्यायालय ने खारिज करते हुए 29 मई को पत्रावली फैसला पर लगा दी है. यानि, 29 मई को न्यायालय इस मुकदमा में अपना निर्णय सुना सकती है.

बता दें कि समाजवादी पार्टी शासनकाल में गंज कोतवाली क्षेत्र के डूंगरपुर में बस्ती को खाली कराया गया था. यहां के कुछ बाशिंदों ने इल्जाम लगाया था कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के इशारे पर तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन अनेक फोर्स और आजम खां के समर्थकों, समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं के साथ उनके मुहल्ले में आए और जबरन घर खाली कराए गए. इल्जाम है कि इन लोगों ने उनके साथ हाथापाई की और लूटपाट कर उनके घरों को खाली कराया. सूबे में सत्ता बदलाव के बाद पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमें दर्ज किए गए. जिनकी सुनवाई आजकल एमपी-एमएलए सेशन न्यायालय में चल रही है. पिछली तारीख पर न्यायालय ने बचाव पक्ष को बहस का आखिरी अवसर दिया था, लिहाजा शुक्रवार को पत्रावली बहस के लिए लगी थी, जो नहीं हो सकी. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने कहा कि बचाव पक्ष की ओर से बहस करने के बजाय स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए 29 मई को पत्रावली फैसला पर लगा दी है. यह भी आदेश दिया है कि बचाव पक्ष चाहे तो 28 मई को लंच से पहले बहस के लिए लिखित प्रार्थना पत्र दे सकता है.

एक और मुकदमा में दिया बहस का आखिरी अवसर

गंज कोतवाली के चर्चित डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े एक और मुकदमा में बचाव पक्ष को शुक्रवार को बहस करनी थी लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने कहा कि इस मुकदमा में भी बचाव पक्ष से समय की मांग की, जिस पर न्यायालय ने तीन जून की तारीख मुकर्रर करते हुए बहस का आखिरी अवसर दे दिया है.

आले हसन और डूडा का रिकार्ड पेश

शहर के चर्चित डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े एक अन्य मुकदमें में शुक्रवार को विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए की न्यायालय में सुनवाई हुई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने कहा कि इस मुकदमा में बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सेवानिवृत्त सीओ आले हसन और डूडा से तलब किया गया रिकार्ड न्यायालय में पेश किया गया. इस मुकदमा में अगली सुनवाई चार जून को होगी.

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