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बांग्लादेश की पूरी टीम 51 रन पर हुई ऑल आउट

नई दिल्ली. एशियन गेम्स के स्त्री क्रिकेट में हिंदुस्तान और बांग्लादेश के बीच पहला सेमीफाइनल हांगझोउ में खेला जा रहा. इस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग के लिए उतरी बांग्लादेश की पूरी टीम पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल पाई और 17.5 ओवर में 51 रन पर ऑल आउट हो गई. ये बांग्लादेश का टी20 में हिंदुस्तान के विरुद्ध सबसे कम स्कोर है. भारत की तरफ से तेज गेंदबाज पूजा वस्त्रकार ने सबसे अधिक 4 विकेट लिए. इस मैच में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय किया था लेकिन मैच की पहली ही गेंद पर पूजा ने शती रानी को विकेट के पीछे ऋचा घोष के हाथों कैच आउट करवा कर बांग्लादेशी कप्तान के पहले बैटिंग के निर्णय को गलत साबित कर दिया.

पूजा ने तीन गेंद बाद शमीमा सुल्ताना को एलबीडब्ल्यू किया. वो खाता तक नहीं खोल पाईं. पहले ओवर में लगे दो झटके से बांग्लादेश की पारी संभल ही नहीं पाई और फिर एक के बाद एक लगातार विकेट गिरते गए. पूजा ने शोभना को आउट कर अपना तीसरा विकेट हासिल किया. उन्होंने अपने पहले तीन ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट झटके.

पूजा के गेंदबाजी से हटने के बाद भी बांग्लादेश टीम को राहत नहीं मिली और विकेटों के गिरने का सिलसिला जारी रहा. बांग्लादेश की टीम कितने दबाव में थी, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश की पारी के 8वें ओवर में 4 गेंद के भीतर उसके दो बल्लेबाज निगार सुल्ताना और फाहिमा खातून रन आउट हो गईं.

पूजा वस्त्रकार ने चौथा विकेट अपने कोटे के अंतिम ओवर में लिया. उन्होंने रितु मोनी को क्लीन बोल्ड किया. रितु भी खाता नहीं खोल पाईं. पूजा ने 4 ओवर में 17 रन देकर 4 विकेट लिए. उन्होंने अपने स्पैल की पहली गेंद पर विकेट लिया था और अंतिम पर भी शिकार किया. ये टी20 में पूजा का बेस्ट प्रदर्शन है. बांग्लादेश का अंतिम विकेट राजेश्वरी गायकवाड़ ने लिया. हिंदुस्तान की तरफ से तितास साधु, अमनजोत कौर, देविका वैद्य को भी एक-एक कामयाबी मिली.

भारतीय गेंदबाजों के इस प्रदर्शन से बैन के कारण इस मैच से बाहर बैठीं कप्तान हरमनप्रीत कौर जरूर खुश होंगी. दरअसल, इस वर्ष जुलाई में बांग्लादेश दौरे पर अंपायर के निर्णय के विरुद्ध नाखुशी जताने और बल्ला स्टम्प पर मार देने की वजह से हरमनप्रीत पर दो मैच का बैन लगा थी. इसी वजह से वो एशियन गेम्स का क्वार्टर फाइनल और अब सेमीफाइनल मैच नहीं खेलीं लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने जरूर कप्तान को मिली सजा का बदला ले लिया.

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