टीम इंडिया के खिलाड़ी फिल्मी दुनिया का भी हिस्सा रह चुके हैं, जानें इनके बारे में दिलचस्प बातें
टीम इण्डिया को दो बार वर्ल्ड कप जिताया, कैंसर जैसी जानलेवा रोग को मात देकर मैदान में वापस लौटे, खून की उल्टियां करते हुए मैच जिताया, 1 ओवर में में 6 छक्के जड़े… यह सब तो जग जाहिर है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि वह अभिनय में भी हाथ आजमा चुके हैं। ‘युवराज सिंह’ एक ऐसा नाम जिसे भारतीय क्रिकेट कभी नहीं भूल सकता। आज यह कद्दावर ऑलराउंडर बल्लेबाज अपना 42वां जन्मदिन मन रहा है। इनके जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा हम लेकर आए हैं। एक समय पर वह फिल्मी दुनिया का भी हिस्सा रह चुके हैं। आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं…
11 वर्ष की उम्र में की एक्टिंग…
क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने से पहले युवराज सिंह फिल्मों में काम कर चुके हैं। युवराज सिंह ने 11 वर्ष की उम्र में एक पंजाबी फिल्म की थी, जिसका नाम था ‘मेहंदी सगना दी’। यह फिल्म 1992 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उनके पिता और पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह भी थे। युवराज सिंह ने एक और फिल्म में काम किया था। ‘पुत्त सरदारा’ दूसरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने अभिनय की थी। बता दें कि उनके पिता योगराज सिंह पूर्व क्रिकेटर होने के साथ-साथ बेहतरीन अभिनेता भी हैं। योगराज सिंह मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी हिंदी फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ में नजर आए थे। वह कई मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री और पंजाबी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
कैंसर से लड़ी जंग
युवराज सिंह के जीवन में एक ऐसा पल आया था, जब फैंस को महसूस होने लगा कि शायद ही अब ये खूंखार बल्लेबाज मैदान पर लौटे। युवराज सिंह को 2011 वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर की चपेट में आने का पता चल गया था। बावजूद इसके वह पूरा टूर्नामेंट खेले और टीम को चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाई। जब उनको कैंसर होने की बात फैंस को पता चली तो मानो धक्का सा लगा हो। युवराज का कैंसर ट्रीटमेंट अमेरिका में चला और वह इस जानलेवा रोग को मात देकर मैदान पर वापस लौटे। वह 2014 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इण्डिया का हिस्सा भी बने थे। उन्होंने वापसी के बाद भी कई धमाकेदार पारियां खेलीं थीं। 10 जून, 2019 को उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
खून की उल्टियां करते हुए जिताया मैच
ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल मैच में युवराज के मुंह से खून निकल रहा था। किसी को यह पता भी नहीं था कि युवराज को कैंसर से जूझ रहे थे। मुंह से खून निकलने के बावजूद इस दिलेर बल्लेबाज ने कंगारू गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 65 गेंदों पर 57 रनों की नाबाद मैच विनिंग पारी खेली थी। इतना ही नहीं उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट भी लिए थे। इस प्रदर्शन के चलते उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। हिंदुस्तान ने यह मैच 5 विकेट से जीतकर सेमीफाइनल में स्थान बनाई थी।
भारत को जिताए दो वर्ल्ड कप
बता दें कि युवराज सिंह टीम इण्डिया के लिए दो वर्ल्ड कप विनिंग विनिंग टीम का हिस्सा रहे हैं। 2011 वर्ल्ड कप और 2007 टी20 वर्ल्ड कप में वह टीम के लिए जरूरी प्लेयर रहे। युवी ने 2011 वर्ल्ड कप में ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 362 रन बनाए और 15 विकेट चटकाने में सफल रहे। कैंसर जैसी जानलेवा रोग से जूझते हुए वर्ल्ड कप जिताना उनकी जिंदादिली दर्शाता है। कौन भूल सकता है 2007 टी20 वर्ल्ड कप, जिसमें युवराज सिंह ने इंग्लैंड के विरुद्ध बल्लेबाजी करते हुए तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था। वह उस समय हर्शल गिब्स के बाद इंटरेनशनल क्रिकेट के एक ओवर में 6 छक्के लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे।
ऐसा रहा है इंटरनेशनल रिकॉर्ड
युवराज सिंह ने हिंदुस्तान के लिए 304 वनडे इंटरनेशनल खेले हैं, जिनमें 8701 रन बनाए। इस फॉर्मेट में वह कुल 14 शतक और 52 अर्धशतक लगाने में सफल रहे। वहीं, 40 टेस्ट मैच खेलते हुए युवराज ने कुल 1900 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक शामिल रहे। हालांकि, इस फॉर्मेट में वह अधिक सक्सेस हासिल नहीं कर सके। 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलते हुए उनके बल्ले से 1177 रन निकले। बाएं हाथ के स्पिनर रहे युवराज ने टेस्ट में 9, वनडे में 111 और टी20I में 28 विकेट झटके।