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मद्रास हाई कोर्ट ने एमएस धोनी से जुडी आईपीएस जी संपत को 15 दिन कारावास की सुनाई सजा

भारतीय टीम के सफल कप्तान एमएस धोनी ने आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के विरुद्ध मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी यह याचिका न्यायालय के आदेश की अवमानना से जुड़ा हुआ था 11 नवंबर 2022 को इस मुद्दे में वैधानिक नोटिस भी जारी की गई थी जिसके बाद उच्च न्यायालय के द्वारा जी संपत कुमार को 9 दिसंबर को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया गया था अब इस मुद्दे में न्यायालय ने अपना निर्णय सुना दिया है मद्रास हाई कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार को शुक्रवार(15 दिसंबर) को 15 दिन के जेल की सजा सुनाई है बता दें ये पूरा मुद्दा इंडियन प्रीमियर लीग 2013 से संबंधित है जिसमें स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मुद्दे सामने आए थे स्पॉट फिक्सिंग मुकदमा को संपत कुमार लीड कर रहे थे और उन्होंने एमएस धोनी पर भी टिप्पणी की थी धोनी ने 2014 में एक दीवानी केस दाखिल किया था ताकि संपत कुमार को स्पॉट फिक्सिंग से संबंधित किसी भी निंदनीय और आपत्तिजनक बयान देने से स्थायी रूप से रोका जा सके

साल 2021 में हुई थी मुकदमा की फाइलिंग

मद्रास उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में संपत कुमार कुमार पर धोनी के विरुद्ध किसी भी तरह के बयान देने पर रोक लगाई थी लेकिन इसके बावजूद संपत कुमार ने न्यायालय में लफनामा दाखिल किया था जिसमें न्यायिक प्रणाली और उनके विरुद्ध मामलों में राज्य का अगुवाई करने वाले एक प्रमुख वकील के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की गई जब इसे मद्रास हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया गया तो उसने दिसंबर 2021 में इसे अपनी फाइल पर ले लिया

छवि खराब करना चाहते हैं संपत कुमार: एमएस धोनी

18 जुलाई 2022 को महाधिवक्ता आर षण्मुख सुंदरम से सहमति प्राप्त करने के बाद एमएस धोनी ने 11 अक्टूबर को संपत कुमार के विरुद्ध न्यायालय के आदेश को लेकर अवमानना की याचिका दाखिल की एमएस धोनी ने बोला था कि संपत कुमार स्पॉट फिक्सिंग को लेकर उनकी छवि खराब करने की प्रयास कर रहे हैं भारतीय टीम के सफल कप्तान एमएस धोनी ने हर्जाने के तौर पर न्यायालय से 100 करोड़ रुपये की मांग की थी

हाई न्यायालय ने संपत कुमार को सुनाई सजा

आज यदि 15 दिसंबर को मद्रास उच्च न्यायालय ने अनेक सबूतों और गवाहों को मद्दे नजर रखते हुए आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार को एमएस धोनी द्वारा दाखिल न्यायालय की अवमानना के मुद्दे में 15 दिन के जेल की सजा सुनाई है हालांकि, न्यायमूर्ति एस एस सुंदर और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया ताकि संपत कुमार को सजा के विरुद्ध अपील दाखिल करने का मौका मिल सके

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