72 साल पहले भारत ने जीता था ऐतिहासिक पहला टेस्ट
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन बहुत खास है। आज ही के दिन (10 फरवरी) 1952 को हिंदुस्तान को टेस्ट क्रिकेट में पहली जीत मिली थी। हिंदुस्तान की पहली टेस्ट जीत चेन्नई (तब मद्रास) के एमए चिदम्बरम स्टेडियम में हासिल हुई थी। तब प्रतिद्वंद्वी टीम इंग्लैंड थी, जिसे आज से ठीक 72 वर्ष पहले विजय हजारे की कप्तानी में हिंदुस्तान ने पारी और 8 रनों से हराकर टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली जीत का उत्सव मनाया था।
इंग्लैंड की टीम 266 रन पर ढेर हो गई
भारत ने अपना पहला टेस्ट 1932 में खेला और 25वें टेस्ट में अपनी पहली जीत हासिल की। हिंदुस्तान की जीत के हीरो बाएं हाथ के स्पिनर वीनू मांकड़ रहे, जिन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में 55 रन देकर 8 विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड की पहली पारी 266 रन पर सिमट गई। उत्तर में, पंकज रॉय और पॉली उमरीगर के शतकों की बदौलत हिंदुस्तान ने अपनी पहली पारी 457/9 पर घोषित कर दी।
इंग्लैंड की दूसरी पारी महज 183 रन पर खत्म हो गई। इस पारी में भी वीनू मांकड़ ने अपनी फिरकी से कमाल कर दिया। उन्होंने 53रन देकर 4 विकेट लिए। ऑफ स्पिनर गुलाम अहमद को भी 4 विकेट मिले। इस तरह हिंदुस्तान ने सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच पारी और 8 रन से जीत लिया। इस जीत के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है। उस दौर में वीनू मांकड़, गुलाम अहमद और सुभाष गुप्ते की ‘स्पिन तिकड़ी’ ने अलग पहचान बनाई थी।
विकेटकीपर की विशेष किरदार थी
उस ऐतिहासिक जीत में विकेटकीपर प्रबीर कुमार सेन (जिन्हें खोखन सेन के नाम से भी जाना जाता है) ने भी जरूरी किरदार निभाई। उन्होंने मैच में कुल 5 स्टंपिंग की (सभी वीनू मांकड़ की गेंद पर)। पहली पारी में 4 सहित। खोखन के बाद, किरण मोरे ने मद्रास में ही वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट में कुल 6 स्टंपिंग की (पहली पारी में 1, दूसरी पारी में 5 – नरेंद्र हिरवानी की गेंद पर 5)