IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ शानदार पारी खेलने के बाद केएल राहुल ने कहा…
भारतीय टीम इंग्लैंड के विरुद्ध पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है। इस सीरीज के पहले मैच में टीम इण्डिया काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। भारतीय टीम ने खेल के दूसरे दिन ही 175 रनों की लीड हासिल कर ली है। टीम इण्डिया इस मैच में अब एक बड़ी लीड हासिल करके इंग्लैंड को इस मैच में पारी से हराना चाहेगी। खेल के दूसरे दिन टीम इण्डिया के मजबूत स्थिति के पीछे रवींद्र जडेजा और केएल राहुल का सबसे बड़ा सहयोग रहा। इन दोनों खिलाड़ियों ने बहुत बढ़िया बल्लेबाजी की तब जाकर टीम इण्डिया इस स्थिति में नजर आ रही है। केएल राहुल ने 86 रनों का पारी खेली, वहीं रवींद्र जडेजा 81 रन बनाकर अभी भी खेल रहे हैं।
केएल राहुल की दमदार पारी
केएल राहुल ने इस मैच में 123 गेंदों का सामना किया। हालांकि वह अपने शतक से केवल 14 रन पीछे रह गए, लेकिन यह टीम इण्डिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण पारी रही। केएल राहुल वर्ल्ड कप से ही बहुत बढ़िया फॉर्म में हैं और वह टीम के लिए वनडे के बाद अब टेस्ट फॉर्मेट में भी लगातार रन बना रहे हैं। इंग्लैंड के विरुद्ध खेली गई इस बहुत बढ़िया पारी के बाद केएल राहुल ने अपनी बल्लेबाजी को लेकर कई बड़ी बाते कही है। जहां उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी पारी खेलने का मूल मंत्र कहां से मिला।
केएल राहुल ने क्या कहा
इंग्लैंड के विरुद्ध बहुत बढ़िया पारी खेलने के बाद केएल राहुल ने बोला कि साउथ अफ्रीका में 100 रन ने मुझे कुछ आत्मविश्वास दिया है, साथ ही इंजरी के बाद 6-7 महीने क्रिकेट खेला है। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मेरा लक्ष्य सकारात्मक रहना था। पिच पर बात करते हुए केएल राहुल ने बोला कि यहां की पिच साउथ अफ्रीका से बहुत अलग थी। पिच पर थोड़ा टर्न था और गेंद पुरानी होने के साथ पिच धीमी और धीमी होती गई। यह एक चुनौती थी, मुझे शॉट खेलने के मौके का प्रतीक्षा करना पड़ा। मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी का आनंद ले रहा हूं।
केएल राहुल ने बोला कि ‘मैंने लंबे समय तक टॉप क्रम में बल्लेबाजी का आनंद लिया, लेकिन यहां आपको अपने पैर ऊपर रखने का कुछ समय मिलता है, यह देखने का कि गेंद कैसा कर रही है, गेंदबाज क्या कर रहे हैं और इससे आपको अपनी पारी की योजना बनाने का समय मिलता है।’ टीम प्लान के बारे में बात करते हुए केएल ने बोला कि हम बस पूरे दिन बल्लेबाजी करना चाहते थे और जितना संभव हो उतने रन बनाना चाहते थे। वार्ता यह थी कि जितनी देर तक संभव हो सके बल्लेबाजी की जाए और हर किसी को बल्लेबाजी करते हुए जितना हो सके उतने रन बनाने थे।