इस मैच में श्रीलंका की पारी के 25वें ओवर में मैथ्यूज बल्लेबाजी करने आए
बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच वनडे विश्व कप 2023 के मैच में टाइम-आउट के निर्णय के कारण काफी अव्यवस्था देखने को मिली। मैच के बाद कई श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने हाथ भी नहीं मिलाया। साथ ही मैथ्यूज ने विपक्षी कप्तान और टीम के बारे में बोला कि वह इन लोगों का कभी सम्मान नहीं कर सकते। इस मैच में श्रीलंका की पारी के 25वें ओवर में मैथ्यूज बल्लेबाजी करने आए। जब वह दो मिनट तक गेंद का सामना करने के लिए तैयार नहीं थे, तो बांग्लादेश ने उनके विरुद्ध टाइम-आउट की अपील की और उन्हें वापस जाना पड़ा।
मैथ्यूज ने अपील वापस लेने को कहा
मुझे अपनी अपील पर कोई पछतावा नहीं है। मैंने जो भी किया है, नियमों के दायरे में रहकर किया है।’ मैथ्यूज ने दो मिनट का समय लिया। मेरे एक साथी ने मुझसे बोला कि इसमें समय लग रहा है और हम अंपायर से टाइम आउट की अपील कर सकते हैं। इसके बाद मैंने अंपायर से अपील की। मैं मैथ्यूज को 2006 से जानता हूं। हम अंडर-19 विश्व कप के बाद से एक-दूसरे के विरुद्ध खेल रहे हैं। अपील के बाद वह मेरे पास आए और मुझसे पूछा कि क्या वह अपनी अपील वापस ले रहे हैं, मैंने इसे वापस लेने से इनकार कर दिया। – शाकिब अल हसन
मैं शाकिब और बांग्लादेश का सम्मान नहीं कर पाऊंगा
मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। जब मेरे हेलमेट का पट्टा टूटा, तब भी दो मिनट और पांच सेकंड बाकी थे। यह पूरी तरह से अचानक उपकरण विफलता का मुद्दा था। मेरे पास वीडियो सबूत हैं। शाकिब और बांग्लादेश ने इसे पूरी तरह से गलत पाया है।’ यह पूरी तरह से खेल की छवि के विरुद्ध है। मैं आज के बाद शाकिब और बांग्लादेश का सम्मान नहीं कर सकता। अंपायर को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। एक तरफ जहां क्रिकेटरों की सुरक्षा की बात की जा रही है। यदि मेरा हेलमेट खराब हो गया तो मैं गेंदबाज के विरुद्ध बिना हेलमेट के कैसे खेल सकता था।’ शाकिब ने आज खेल को बदनाम कर दिया है। मेरे 15 वर्ष के करियर में कभी भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई जिससे खेल की छवि खराब हुई हो।’ -एंजेल मैथ्यूज
मैथ्यूज समेत कई श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने हाथ नहीं मिलाया
दोनों टीमों के बीच कड़वाहट इतनी बढ़ गई कि मैच के बाद मैथ्यूज समेत श्रीलंकाई टीम के कई खिलाड़ियों ने बांग्लादेश टीम से हाथ तक नहीं मिलाया। इस पर मैथ्यूज ने बोला कि यदि आप दूसरों का सम्मान करते हैं तो बदले में आपको उनसे सम्मान मिलेगा। बांग्लादेश ने आज सम्मान के लायक कुछ भी नहीं किया है।