फाइनल से पहले चेन्नई सुपर किंग्स को सुलझानी होगी यह समस्या

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 के फाइनल का टिकट चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) ने सबसे पहले कटाया. पहला क्वॉलिफायर मुकाबला सीएसके ने गुजरात टाइटन्स के विरूद्ध 15 रनों से जीता था, लेकिन उस मैच में टीम ने कुछ ऐसी गलतियां की थीं, जिससे फाइनल से पहले हर हाल में सीएसके को निजात पाना होगा, नहीं तो उनका पांचवीं बार आईपीएल खिताब जीतने का सपना मिट्टी में मिल सकता है. इस सीजन की आरंभ से ही सीएसके के लिए गेंदबाजों का एक्स्ट्रा रन देना बड़ा सिरदर्द बना रहा है. आरंभ में ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इसको लेकर गेंदबाजों को चेतावनी भी दे डाली थी कि यदि ऐसे ही चलता रहा, तो टीम को नए कप्तान के अंडर खेलना पड़ सकता है. एक्स्ट्रा गेंद टी20 क्रिकेटर में और अधिक घातक हो जाती हैं क्योंकि मुकाबले काफी करीबी होते हैं, इसके अतिरिक्त एक्स्ट्रा गेंदों से टीम के ओवर दर पर भी फर्क पड़ता है और स्लो ओवर दर के लिए कप्तान को फाइन तो भरना ही पड़ता है, साथ ही उस पर बैन भी लग सकता है. धोनी पर एक भी मैच का बैन भले ही ना लगा हो, लेकिन पहले क्वॉलिफायर में जिस तरह से अंतिम के ओवर में एक के बाद एक वाइड गेंद हुई, उसने कप्तान का सिरदर्द जरूर बढ़ाया होगा.
सीएसके ने 20 ओवर में सात विकेट पर 172 रन बनाए थे. गुजरात टाइटन्स के गेंदबाजों की बात करें, तो उन्होंने पहले क्वॉलिफायर मुकाबले में महज दो वाइड गेंद की थी, जबकि एक भी नोबॉल नहीं थी. वहीं सीएसके के गेंदबाजों की बात करें तो कुल 13 वाइड गेंदें पहले क्वॉलिफायर मैच में फेंकी गई थीं. 13 वाइड गेंद का मतलब है सीएसके के गेंदबाजों ने 20 ओवर नहीं बल्कि 22.1 ओवर गेंदबाजी की. दीपक चाहर ने तीन, तुषार देशपांडे ने दो जबकि महीष पथिराना ने आठ वाइड गेंदें फेंकी थीं.आईपीएल फाइनल में सीएसके का मुकाबला मुंबई इंडियंस या गुजरात टाइटन्स के विरूद्ध हो सकता है. दोनों ही टीमों का बैटिंग लाइन-अप बहुत बढ़िया है, ऐसे में फाइनल में यदि इस तरह की गलती होती है, तो सीएसके के हाथ से ट्रॉफी भी फिसल सकती है. कप्तान धोनी और बॉलिंग कोच ड्वेन ब्रावो जरूर इस मुसीबत से फाइनल से पहले निजात पाना चाहेंगे.