धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट से पहले रोहित शर्मा ने कहा…
IND vs ENG 5th Test: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का अंतिम मुकाबला 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा। टीम इण्डिया सीरीज में 3-1 से आगे है। अब रोहित शर्मा ब्रिगेड की नजर अंतिम मैच में भी जीत हासिल करने पर है। रोहित ने बुधवार को बोला कि इंग्लैंड के विरुद्ध करीबी मुकाबले के दौरान वह एक बेहतर कप्तान के रूप में विकसित हुए हैं। कठिन सीरीज ने उन्हें आत्मनिरीक्षण करने और अपनी कमियों को दूर करने के लिए विवश किया।
रोहित की टीम ने बैजबॉल की निकाली हवा
2022 में विराट कोहली से टेस्ट कप्तान का पद संभालने के बाद रोहित का रिकॉर्ड बहुत बढ़िया रहा है। उन्होंने टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचाया। हालांकि, टीम को खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध हार का सामना करना पड़ा था। हिटमैन की कप्तानी में हिंदुस्तान ने इंग्लैंड के बैजबॉल की हवा निकाल दी थी। सीरीज के पहले मैच में हार के बाद टीम इण्डिया ने जबरदस्त वापसी की और जीत की हैट्रिक लगाई।
प्रमुख खिलाड़ियों के बगैर सीरीज में मिली जीत
भारत ने इंग्लैंड के विरुद्ध सीरीजल में जीत अपने प्रमुख खिलाड़ियों के बगैर हासिल की है। विराट कोहली, केएल राहुल, मोहम्मद शमी, ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी टीम में नहीं हैं। सीरीज में युवा खिलाड़ियों ने मौके का लाभ उठाया। यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल ने यह साबित किया कि वह लंबे समय तक टीम के लिए खेल सकते हैं।
मैंने पूरी टीम के साथ नहीं खेला है: रोहित
रोहित शर्मा ने धर्मशाला टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “‘जब से मैं कप्तान बना हूं, मैंने पूरी टीम के साथ नहीं खेला है। यह कोई बहाना नहीं है। आपके पास जो है उसी के साथ काम करें। अच्छा माहौल रखें और आजादी के साथ खेलें। मूल रूप से यह वापसी वाली एक सीरीज रही है। इसलिए पूरी सीरीज के दौरान आपने देखा होगा कि हमने दबाव झेला है और फिर विपक्षी टीम पर वापस कर दिया।”
‘कप्तान के रूप में सीखा’
रोहित ने कहा, “एक कप्तान के रूप में मेरे लिए सीखने के लिए यह एक बहुत बढ़िया सीरीज थी और हमारे सामने कई भिन्न-भिन्न चुनौतियां आईं।एक कप्तान के रूप में मुझे इस बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला कि खिलाड़ियों का इस्तेमाल कैसे करना है।मुझे खुशी है कि मैं इस सीरीज में कप्तानी कर रहा था, इससे मुझे समझ आया कि एक कप्तान के तौर पर मुझमें कहां कमी है और मुझे किन चीजों को अलग ढंग से करने की आवश्यकता है।”