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देश में मोटरस्पोर्ट रुचि में भारी गिरावट से ड्राइवर करुण चांडोक हुए निराश

हिंदुस्तान में फॉर्मूला वन (एफवन) रेस को लेकर रोमांच और लोकप्रियता को करीब से महसूस करने वाले पूर्व एफवन ड्राइवर करुण चांडोक इस बात को लेकर निराश है कि पिछले कुछ सालों में राष्ट्र में मोटरस्पोर्ट में रुचि में भारी गिरावट आई है यह हाई-प्रोफाइल खेल का आयोजन विभिन्न कारणों से राष्ट्र से बाहर हो गया जबकि नारायण कार्तिकेयन और उनके बाद एफवन रेस में किसी भारतीय ड्राइवर का ना होना चांडोक के लिए और अधिक निराशाजनक है चांडोक खेल जानकार के तौर पर फार्मूला ई रेस में कमेंटेटर के तौर पर जुड़े हैं

लोकप्रियता कम होना निराशाजनक

रेसर से कमेंटेटर बने 39 वर्षीय यह पूर्व खिलाड़ी उन दिनों की कमी महसूस करता है जब हिंदुस्तान में इस खेल का आयोजन प्रारम्भ हुआ था चांडोक ने लंदन में फॉर्मूला ई-सत्र के समाप्ति के मौके पर पीटीआई-भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो यह थोड़ी निराशा है, थोड़ी लज्जा की बात है कि वास्तव में लोकप्रियता में कितनी गिरावट आयी है’

चांडोक ने कहा, ‘साल 2008 से 2013 के आसपास की अवधि में एफवन में दो भारतीय ड्राइवर थे एफवन की एक टीम हिंदुस्तान से जुड़ी हुई थी हम सत्र की एक रेस (इंडियन जीपी) की मेजबानी करते थे उस समय इस खेल को लेकर दिलचस्पी अद्भुत थी आप आज के दौर में उसकी कल्पना नहीं कर सकते

घरेलू एफवन ड्राइवर की कठोर जरुरत

चंडोक ने बोला कि पिछले दशक में इंडियन प्रीमियर लीग से क्रिकेट को काफी लाभ हुआ है, लेकिन मोटरस्पोर्ट को इस रुचि को बनाए रखने के लिए एक घरेलू फॉर्मूला वन ड्राइवर की कठोर आवश्यकता है उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक बड़ा परिवर्तन आया है, निश्चित रूप से इंडियन प्रीमियर लीग बहुत बड़ा हो गया है अब आपके पास एक क्रिकेट टीम है जो इस दौरान 10 वर्ष की अवधि में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, इसके साथ ही दिलचस्पी भी बढ़ गई है’ उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह से, अन्य खेल थोड़ा संघर्ष कर रहे हैं लेकिन एफवन में भारतीय (ड्राइवर या टीम) उपस्थिति नहीं होने से पूरे खेल पर नकारात्मक असर पड़ा है

चंडोक ने बोला कि इस बात का कोई साफ उत्तर नहीं है कि प्रशंसकों की रुचि में कमी क्यों आयी लेकिन गवर्नमेंट से समर्थन ना मिलना से भी इस खेल की दिलचस्पी में कमी का बड़ा कारण है उन्होंने पश्चिम एशिया के राष्ट्रों का हवाला देते हुए कहा, ‘आप पिछले कुछ समय को देखे तो बहरीन, सऊदी अरब या मैं कहूंगा पूरे पश्चिम एशिया के राष्ट्रों ने मोटरस्पोर्ट को समर्थन दिया है सिंगापुर ने भी इस खेल के महत्व को समझा | ये ऐसे राष्ट्र है जो मोटर रेसिंग की अहमियत को जानते है कि इससे उनके राष्ट्र को क्या लाभ होगा

केंद्र गवर्नमेंट को भी शआमिल होने की जरूरत

उन्होंने कहा, ‘इस रेस को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं ये पर्यटक अर्थव्यवस्था में पैसा वापस डाल रहे है दुर्भाग्य से, दिल्ली (ग्रेटर नोएडा) जब हमारे पास ग्रांड प्रिक्स था, हमें वास्तव में कभी भी गवर्नमेंट का समर्थन नहीं मिला था’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र गवर्नमेंट के लिए परियोजनाएं बनाना काफी मुश्किल है, हो सकता है कि वे राज्य सरकारों के साथ काम कर सकें राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र गवर्नमेंट को भी इसमें शामिल होने की आवश्यकता है’ हाल के दिनों में जेहान दारूवाला, अर्जुन और कुश मैनी ने एफटू और एफथ्री जैसी फॉर्मूला श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा की है, लेकिन चांडोक ने साफ रूप से स्वीकार किया कि मौजूदा प्रदर्शन के आधार पर इनके लिए फार्मूला वन में स्थान बनाना लगभग नामुमकिन है

उन्होंने कहा, ‘जेहान का भविष्य फॉर्मूला ई में है मैं शायद उसे अगले वर्ष महिंद्रा के साथ यहां रेस हुए देख सकता हूं कुश ने इस वर्ष एफटू में अपने शुरुआती सत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है इस वर्ष की आरंभ में फॉर्मूला ई के हिंदुस्तान में पदार्पण के बारे में बात करते हुए के बारे में पूछे जाने पर चांडोक ने आशा जताई कि हैदराबाद में आयोजक 2024 में और भी बेहतर काम करने में सक्षम होंगे

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