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योगी सरकार ने यूपी पुलिस को इस बात के सबूत जुटाने का दिया Task

DNA Analysis: क्या यूपी में Halal Certificate देने वाली कंपनियां टेरर फंडिंग में शामिल हैं? क्या Halal Certificate देने के लिए वसूले जा रहे पैसों से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था? योगी गवर्नमेंट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को इस बात के सबूत जुटाने का Task दिया है Halal Certificate से जुड़े Food Products पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब योगी गवर्नमेंट ने यूपी STF को इस बात की जांच करने का जिम्मा सौंपा है कि वो Halal Certificate देने वाली कंपनियों द्वारा आतंकवादी संगठनों को Terror Funding के मुद्दे की जांच करे

UP STF इस बात की जांच करेगी कि

क्या Halal Certificate देने वाली कंपनियां, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं ?
क्या Halal Certificate देने वाली कंपनियां, आतंकवादी संगठनो की फंडिंग कर रही हैं ?
क्या राष्ट्र में करोड़ों रुपये के Halal Certification के कारोबार के जरिये राष्ट्र में दंगे करवाने और सामाजिक विद्वेष फैलाने की षड्यंत्र रची जा रही थी ?

हलाल Certificate देने वाले कठिन में

इन सब आरोपों की जांच करने और सबूत तलाशने के लिए यूपी STF की टीमें जल्द ही चेन्नई, दिल्ली और मुंबई में Halal Certificate देने वाली कंपनियों की जांच करने भेजी जाएंगी इन कंपनियों और उसके Management के बैंक खातों की भी जांच की जाएगी इससे पहले योगी गवर्नमेंट ने Halal Certificate वाले सामानों पर यूपी में प्रतिबंध लगाया अब Halal Certificate देने वाली संस्थाओं के दफ्तरों पर छापेमारी की जा रही है यूपी खाद्य विभाग की टीमें भिन्न-भिन्न शहरों में हलाल Certificate वाले Products को बरामद करने की कार्रवाई भी कर रही हैं

योगी गवर्नमेंट ने हल्ला बोल दिया

हलाल Certificate वाले Products के विरुद्ध योगी गवर्नमेंट ने हल्ला बोल दिया है जिसके लिए तर्क ये दिया जा रहा है कि खाद्य उत्पादों का Halal Certification अवैध गतिविधि है क्योंकि हिंदुस्तान में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तय करने का अधिकार केवल उन संस्थानों के पास हैं जो हिंदुस्तान गवर्नमेंट द्वारा मान्यता प्राप्त हैं जबकि हिंदुस्तान में जो संस्थाएं, Halal Certificate दे रही हैं वो Registered ही नहीं हैं क्योंकि हिंदुस्तान में केवल मुसलमान राष्ट्रों में Export होने वाली खाद्य सामग्री पर ही Halal Certificate होने का नियम है हिंदुस्तान में बिकने वाले सामान पर Halal Certifcation लेना और देना, दोनों ही गैर कानूनी है

आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात

लेकिन ये तो कानून प्रबंध और फर्जीवाड़े से जुड़ा मुद्दा है तो फिर Halal Certificate देने वाली संस्थाओं के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात कहां से आई? आखिर योगी गवर्नमेंट को हलाल कंपनियों द्वारा टेरर फंडिंग की जांच करवाने का Idea कहां से और क्यों आया? तो इसका उत्तर है वो FIR, जो लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में हलाल Certificate देने वाली कंपनियों के विरुद्ध दर्ज करवाई गई थी

इस FIR पर गौर फरमाइये

  • इस FIR में Halal Certificate देने वाली चार कंपनियों के नाम हैं
  • हलाल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई
  • जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, दिल्ली
  • हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई
  • और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मुंबई

आतंकवादी संगठनों को फंडिंग!

FIR के अनुसार इन चारों संस्थाओं पर संदेह जताया गया है कि Halal Certificate देने के कारोबार से होने वाली कमाई का फायदा ये संस्थाएं राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचा रही हैं ऐसा करके, एक समुदाय विशेष के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र को अंजाम दिया जा रहा है इसी FIR में संभावना जताई गई है कि इस देश विरोधी षड्यंत्र में राष्ट्र को कमजोर करने वाले अन्य अनेक लोग भी शामिल हैं जिनके द्वारा आतंकी संगठनों को फंडिंग किये जाने की संभावना है अब FIR में जताए गए इसी संदेह को विश्वास में बदलने का जिम्मा दिया गया है यूपी पुलिस की Special Task Force को अब आपको बताते हैं कि STF किस-किस की जांच करेगी

चार संस्थाओं की जांच

STF, Halal Certificate देने वाली उन चार संस्थाओं की जांच करेगी, जिनके नाम तो FIR में हैं लेकिन वर्तमान पता और इन संस्थाओं के कर्ता-धर्ताओं का कोई ब्योरा FIR में नहीं है STF, उन अन्य अज्ञात उत्पादन कंपनियों और उनके मालिक और प्रबंधकों की भी जांच करेगी, जिनका FIR में ना नाम है और ना पता STF, उन सभी राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र रचने वाले अनेक अन्य लोगों की जांच करेगी जिनकी पहचान FIR में अज्ञात बताई गई है STF, FIR में दर्ज, अधिसूचित आतंकी संगठनों को फंडिंग करने वाले वो अन्य लोग कौन हैं जिनके विरुद्ध FIR करवाई गई है STF, इस बात की भी जांच करेगी कि Halal Certificate के नाम पर कैसे व्यापक तौर पर दंगे करवाने वाले अन्य लोग कौन हैं? STF उन अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध भी जांच करेगी, जिनकी ना कोई पहचान है और ना FIR में कोई इल्जाम हैं

आखिर STF जांच किसकी करेगी?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर STF जांच किसकी करेगी? क्योंकि चार संस्थाओं के अतिरिक्त किसी का भी तो नाम FIR में नहीं है कुछ लोग ये भी कह सकते हैं कि ये FIR, उस Planning का हिस्सा है, जिसके जरिये यूपी में Halal Certificate बांटने वाली संस्थाओं पर नकेल कसी जानी है ऐसा है या नहीं, हमें ये तो नहीं पता लेकिन एक बात तो पक्की है कि अब यूपी में halal Certificate का गेम ओवर हो चुका है

जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट

उत्तर प्रदेश में Halal Certificate देने वाली जिन चार संस्थाओं के विरुद्ध FIR की गई है, उनमें सबसे प्रमुख है – जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट जो राष्ट्र की एक बड़ी Muslim Body का Part है और दुनिया के प्रमुख Halal Certification Institutes में शामिल है जिसके विरुद्ध पहले भी हिंदुस्तान विरोधी संगठनों में शामिल रहने के इल्जाम लग चुके हैं पिछले साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने एक याचिका देकर मांग की गई थी कि जमीयत उलेमा ए हिंद की आतंकी संगठनों से संबंधों की जांच की जानी चाहिए ये मांग इस आधार पर की गई है कि जमीयत उलेमा ए हिंद ने मार्च 2022 तक राष्ट्र में आतंकी मामलों में आरोपी 700 से अधिक लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की है और 192 आरोपियों को बरी करवाने में भी किरदार निभाई है

खुद जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खुलेआम आतंकी मामलों की सूची घोषित और प्रकाशित की है जिसमें वो आतंकी मामलों के आरोपियों को आर्थिक रूप से सहायता कर रही है गृह मंत्रालय को जो याचिका दी गई है उसके अनुसार जमीयत ने जिन आरोपियों को कानूनी सहायता प्रदान की है

  • उनमें जर्मन बेकरी बम विस्फोट मामला
  • कोच्चि, मुंबई और राजस्थान में ISIS की षड्यंत्र के केस
  • 26/11 मुंबई धावा केस
  • ज़वेरी बाज़ार Serial Blast
  • दिल्ली में जामा मस्जिद विस्फोट मुद्दा शामिल है

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा

गृह मंत्रालय को दी गई याचिका में ये भी दावा किया गया है कि जमीयत उलेमा ए हिंद, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और भारतीय मुजाहिदीन जैसे आतंकियों और आतंकवादी संगठनों से सीधे जुड़े होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है इसलिए गृह मंत्रालय से जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के कामकाज की NIA, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से जांच की मांग की गई थी और अब Halal Certification के गैरकानूनी कारोबार में नाम आने के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद की मुश्किलें बढ़ना तय है क्योंकि Terror Funding की जांच में STF का सबसे अधिक Focus उसी पर रहने की पूरी आसार है ये बात जमीयत उलेमा ए हिंद के पदाधिकारियों को भी समझ में आ चुकी है, जिन्होंने इस मुद्दे पर खामोशी साध ली है

बात निकली है तो दूर तक जाएगी

अब बात निकली है तो दूर तक जाएगी इसलिए अब बात केवल यूपी तक सीमित नहीं रहेगी और वैसे भी बात जब राष्ट्र की सुरक्षा की हो तो फिर कोई समझौता नहीं किया जा सकता Halal Certificate के गैरकानूनी कारोबार में टेरर Angle का यदि संदेह है तो फिर उसकी जांच होनी ही चाहिए

 

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