बिहारराष्ट्रीय

महिला आरक्षण विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिली हरी झंडी

संसद के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ ऐतिहासिक स्त्री आरक्षण विधेयक अब कानून बन गया है शुक्रवार को इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी हरी झंडी मिल गई, जिसके बाद हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया इस विधेयक के कानून बनते ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एक तिहाई सीटें स्त्रियों के लिए आरक्षित हो जाएंगी

यह लोकसभा-राज्यसभा से पारित हो चुका है

मोदी गवर्नमेंट ने स्त्री आरक्षण बिल को नारीशक्ति वंदन बिल का नाम दिया है इसके लिए गवर्नमेंट ने कुछ दिन पहले एक विशेष सत्र भी बुलाया था इसे सबसे पहले लोकसभा में पारित किया गया था बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि दो सांसदों ने इसका विरोध किया लोकसभा से पास होने के बाद बिल को राज्यसभा में पेश किया गया और दिनभर चली बहस के बाद यह बिल पास हो गया AIMIM सांसदों को छोड़कर सभी सांसदों ने स्त्री आरक्षण बिल का समर्थन किया है हालाँकि, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाला विपक्ष भी ओबीसी स्त्रियों के लिए आरक्षण की मांग करता है

कानून कैसे बनता है?

किसी भी कानून को बनाने के लिए बिल को पहले लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित करना होगा इसके बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही यह कानून बन जाता है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हरी झंडी मिलने के बाद स्त्री आरक्षण बिल अब कानून बन गया है यह विधेयक पहली बार 1996 में तत्कालीन प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा द्वारा पेश किया गया था, लेकिन पारित होने में विफल रहा यह बिल अटल बिहारी वाजपेई के समय भी पेश किया गया था, लेकिन तब भी यह पास नहीं हो सका था बाद में 2008 में, यूपीए-1 गवर्नमेंट के दौरान, इसे राज्यसभा में पेश किया गया और बाद में 2010 में वहां पारित किया गया हालाँकि, बिल लोकसभा में पारित नहीं हो सका और 2014 में गवर्नमेंट के जाने के साथ ही ख़त्म हो गया

कब लागू होगा कानून?

विधेयक कानून बनने के बाद भी तुरंत लागू नहीं होगा इसका मतलब यह है कि इस वर्ष पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव में स्त्रियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित नहीं होंगी इसके लिए पहले जनगणना और सीमांकन कराया जाएगा कोरोना काल के कारण साल 2021 के लिए निर्धारित जनगणना अभी तक नहीं हो पाई है 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना पूरी करने की तैयारी चल रही है इसके साथ ही जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन वर्ष 2026 के बाद ही होगा ऐसे में बताया जा रहा है कि स्त्री आरक्षण बिल लागू होने में अभी समय लग सकता है

Related Articles

Back to top button